स्वच्छता में सुधरे झारखंड के शहर, चास सबसे साफ
झारखंड उन तीन राज्यों में शामिल है, जिसमें सभी शहरों ने पिछली बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।
राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्र द्वारा स्वच्छता को लेकर कराए गए सर्वेक्षण में झारखंड के शहरों ने काफी सुधार किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 में देश के कुल 434 शहरों की स्वच्छता को लेकर कराए गए सर्वेक्षण में चास नगर निगम को देश भर में 41वां स्थान मिला। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने गुरुवार को दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में चास नगर निगम और जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को स्वच्छ सिटी में राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार से सम्मानित किया।
चास नगर निगम की ओर से राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक राजेश कुमार शर्मा, बोकारो के उपायुक्त राय महिमापत रे एवं चास नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने पुरस्कार ग्रहण किया। इसी तरह, जमशेदपुर के उपायुक्त अमित कुमार व अक्षेस के विशेष कार्य पदाधिकारी दीपक सहाय ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। स्वच्छता सर्वेक्षण में झारखंड के दो नगर निकायों ने अच्छा प्रदर्शन किया। जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को पूर्वी क्षेत्र में 10 लाख से कम जनसंख्या एवं चास नगर निगम को 2 लाख से कम जनसंख्या कैटेगरी में स्वच्छ नगर के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार दिया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण-2017 में झारखंड के नौ नगर निकाय शामिल थे।
झारखंड उन तीन राज्यों में शामिल है, जिसमें सभी शहरों ने पिछली बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि धनबाद व रांची नगर निगम को क्रमश: 109वां व 117वां स्थान मिला। चास नगर निगम को सरकार द्वारा निर्धारित स्वच्छता के सभी पैमाने पर खरा पाया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण में चास नगर निगम को पूरे देश में 41वां स्थान प्राप्त हुआ। वहीं, पूर्वी भारत जोन में दूसरा सबसे स्वच्छ शहर तथा झारखंड के सबसे स्वच्छ शहर चास नगर निगम क्षेत्र को घोषित किया गया।
झारखंड के शहरों की रैंकिंग:
चास : 41जमशेदपुर : 64गिरिडीह : 81हजारीबाग : 91देवघर : 102धनबाद : 109रांची : 117मानगो : 131आदित्यपुर : 144
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार का एलान किया। जिसमें मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब दिया गया, जबकि दूसरे स्थान पर भी इसी प्रदेश का भोपाल शहर रहा। इस वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण को देश के 73 शहरों की 37 लाख जनसंख्या पर किया गया। जिसमें 25 स्वच्छ शहरों रैंकिंग दी गई है।
स्वच्छ शहरों की लिस्ट में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम को तीसरा, जबकि गुजरात के सूरत शहर को चौथा स्थान हासिल हुआ। पिछले वर्ष के सर्वेक्षण में पहले पायदान पर रहने वाले कर्नाटक के मैसूर शहर को इस वर्ष पांचवां स्थान मिला। टॉप 50 शहरों की लिस्ट में गुजरात के 12 शहरों को जगह मिली है। गुजरात और छत्तीसगढ़ दो ऐसे राज्य हैं, जहां स्वच्छता की रैंकिंग में सबसे ज्यादा सुधार हुआ। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री नायडू ने स्वच्छता को लेकर लोगों के योगदान की सराहना की।
यह है आधार
सर्वेक्षण में ठोस कचरा प्रबंधन, घर-घर से कूड़ा उठाव, सड़कों की सफाई, कचरे का निष्पादन, निजी व सामुदायिक शौचालय की स्थिति, सफाई को लेकर लोगों की आदतों में सुधार और सफाई को लेकर शिक्षा को आधार बनाया गया था। शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से क्वालिटी काउंसिल का गठन किया गया था।
केंद्र सरकार इससे पहले दो सर्वेक्षण करा चुकी है। पहली बार सर्वेक्षण 2015 में कुल 476 शहरों का किया गया था। इसके बाद सर्वेक्षण 2016 में देश के दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले 73 शहरों का सर्वेक्षण हुआ।
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