मुख्य सचिव पर भाजपा में भी किचकिच, आलाकमान की नजर
मंत्री सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से कहा कि राजबाला वर्मा को छुट्टी पर भेज देना चाहिए।
प्रदीप सिंह, रांची। बीते एक माह से राज्य में चर्चा का केंद्र बनीं मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर सत्तारूढ़ दल भाजपा में भी रस्साकशी तेज हो गई है। मुख्य सचिव के मुद्दे पर लगातार मुखर रहे मंत्री सरयू राय ने चारा घोटाले के एक मामले में राज्य सरकार के नोटिस के बाद पार्टी के भीतर भी आवाज बुलंद की है। एनडीए विधायक दल की बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक में राय ने मुख्य सचिव पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास से कहा कि राजबाला वर्मा को छुट्टी पर भेज देना चाहिए। केवल एक्सप्लानेशन (स्पष्टीकरण) पूछना ही काफी नहीं है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होनी चाहिए। यह भी सवाल उठाया कि यह कौन तय करेगा कि इस प्रकरण में वह सही हैं या गलत? बैठक में मौजूद एक विधायक के मुताबिक इस मसले को ज्यादा खींचना सत्तापक्ष के लिए ठीक नहीं होगा। राय ने राजबाला वर्मा की कथित रूप से विवादित पृष्ठभूमि की चर्चा भी बैठक के दौरान की।
चारा घोटाले में सलाखों के पीछे गए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनकी नजदीकी की भी दुहाई दी। कहा, इस परिस्थिति में उन्हें सपोर्ट करना उचित है या अनुचित, यह विचार करना होगा। लालू प्रसाद की गिरफ्तारी में कभी सबसे बड़ी बाधा राजबाला वर्मा थीं। उनके कारण गिरफ्तारी के लिए सेना की मदद लेनी पड़ी थी। लालू जब पहली बार जेल जा रहे थे तो वह रो रही थीं। मुख्यमंत्री ने उनकी बातें सुनीं और बोले- आपने जो कहा, हमने सुन लिया।
आलाकमान रख रहा नजर
भाजपा आलाकमान ने झारखंड में तीन अफसरों को लेकर तेज हुई राजनीति पर पैनी नजर रखी है। इसे लेकर नफा-नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है। कुछ नेताओं का मानना है कि विपक्ष का लगातार हमलावर होना भी नुकसानदेह साबित हो रहा है। यह मामला जितना लंबा खिंचेगा, उसका उतना ज्यादा फायदा विरोधियों को मिलेगा। राजनीतिक विश्लेषक बजट सत्र आरंभ होने के ऐन पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास के दिल्ली दौरे को भी पार्टी की अंदरूनी राजनीति और ताजा विवादों से जोड़कर देख रहे हैं।
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