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जानिए, लालू प्रसाद यादव की याचिका पर क्यों नहीं हुई सुनवाई

चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव रांची स्थित होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 19 Jan 2018 11:56 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 05:55 PM (IST)
जानिए, लालू प्रसाद यादव की याचिका पर क्यों नहीं हुई सुनवाई

जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज रांची हाई कोर्ट में सुनवाई टल गई है। जज के छुट्टी पर जाने के कारण सुनवाई टल गई। दूसरे बेंच ने इस मामले में सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने सक्षम बेंच में ही सुनवाई का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि रांची सीबीआइ कोर्ट ने लालू यादव को देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। लालू रांची स्थित होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं।

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सीबीआइ कोर्ट में हाजिर हुए लालू 

चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, जगदीश शर्मा और आरके राणा आज सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में पेश हुए। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में आरोपियों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में सीबीआई की ओर से गवाही दर्ज कराने की तिथि निर्धारित थी। सीबीआइ के गवाह नहीं पहुंचने से गवाही टल गई। दो लोगों की गवाही होनी थी। वहीं, दुमका मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग से लालू की पेशी हुई। अब 23 जनवरी को सुनवाई होगी। 

लालू को सजा सुनाने वाले जज शिवपाल का बहिष्कार जारी
शिवपाल सिंह की अदालत में न्यायिक कार्य में अधिवक्‍ताओं ने हिस्‍सा नहीं लिया। अधिवक्‍ताओं का दुर्व्‍यवहार का आरोप है। उदय चौरसिया ने शिवपाल सिंह की अदालत के रिमांड अधिवक्ता पद से त्‍यागपत्र दे दिया है। उदय का आरोप है कि शिवपाल सिंह का रवैया ठीक नहीं है। 

चारा घोटाले के दो मामलों में वीरवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, डॉ. आरके राणा सहित अन्य आरोपियों को गुरुवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से लाकर कोर्ट में पेश किया गया। इन आरोपियों को दुमका व डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के दो विशेष कोर्ट में पेश किया गया। मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में सीबीआइ की ओर से गवाही दर्ज की गई। सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने गढ़वा जिले के भंडरिया के तत्कालीन प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी सुनील कुमार की गवाही न्यायालय में दर्ज कराई।

सुनील कुमार ने न्यायालय को बताया कि उनसे पशु चारा की प्राप्ति रसीद बनवा ली गई लेकिन सामग्री भेजी ही नहीं। बीएमपी सिंह ने बताया कि सुनील कुमार 1995 में पदस्थापित थे। उन्हें तत्कालीन भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डा. प्रभात कुमार सिन्हा और पलामू के तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. कामेश्वर सहाय के माध्यम से पशु दवा, खाद्य पदार्थ, उपकरण आदि उपयोग के लिए मिलते थे। 1995 में दोनों पदाधिकारियों ने सुनील से एक मांग पत्र बनाने को कहा। जिसमें मक्का, सकरकंद आदि की प्राप्ति रसीद बनाने की बात थी।

कहा था कि ट्रक से सामान आपके पास पहुंच जाएगा। यह सामान 4300 क्विंटल था, जो नहीं पहुंचा। सामान नहीं पहुंचने पर जब उन्होंने दोनों पदाधिकारियों से पूछा तो उन्हें दबाव दिया जाने लगा। साथ ही धमकाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि यह बात उन्होंने न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिए बयान में भी बताई है। सुनील ने पूर्व में दिए बयान को गवाही के दौरान न्यायालय में पहचाना। दस्तावेजों को भी न्यायालय में दाखिल किया। गवाही के दौरान लालू प्रसाद, डॉ. आरके राणा सहित अन्य आरोपी न्यायालय में हाजिर थे।

लालू ने अदालत से मौखिक रूप से कहा कि कलहो आएंगे सर, तो कोर्ट ने कहा कि हां, आपको जल्दी फैसला चाहिए न, इसलिए रोज आइए। नहीं आए एक गवाह सीबीआइ की ओर से एक और रविंद्र कुमार की गवाही न्यायालय में होनी थी। इसके लिए उन्हें समन किया गया था, लेकिन वे दिए गए पते पर नहीं मिले। वर्तमान में वे मुंबई में रह रहे हैं। सीबीआइ की ओर से वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अदालत को बताया कि रविंद्र कुमार का मुंबई का वर्तमान पता खोजा जा रहा है। इसके बाद न्यायालय से समन लेंगे।

दुमका मामले में बचाव साक्ष्य बंद, बहस 23 से

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से जुड़े दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में बचाव साक्ष्य बंद हो गया। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने गुरुवार को बचाव साक्ष्य बंद करते हुए बचाव पक्ष की बहस के लिए 23 जनवरी की तिथि निर्धारित की। बचाव की बहस पूरी होने के बाद सीबीआइ की ओर से बहस की प्रक्रिया न्यायालय में चलेगी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत फैसले के लिए तिथि निर्धारित करेगी।

दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये अवैध निकासी से संबंधित मामले को लेकर चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 38ए/96 के तहत प्राथमिकी दर्ज है। मामले में लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा सहित अन्य आरोपी न्यायालय में ट्रायल फेस कर रहे हैं। गुरुवार को आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में पेश किया गया। डोरंडा व दुमका कोषागार मामले में लालू सहित अन्य आरोपियों को शुक्रवार को भी न्यायालय में पेश किया जाएगा।

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