आदिवासियों को बेदखल करने पर तुली झारखंड सरकार: नीतीश
कृषि भूमि को औद्योगिक या व्यावसायिक भूमि में बदलने का अधिकार सरकार ने ले लिया, यह आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि झारखंड की भाजपा सरकार यहां के आदिवासियों को बेदखल करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि शराब तो यहां भी बंद होगी। रघुवर दास नहीं करेंगे, तो बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बनने वाली अगली सरकार करेगी।
सीएनटी-एसपीटी पर कहा कि इस एक्ट को अंग्रेजों ने बनाया था, यह आदिवासियों का सुरक्षा कवच है। इसमें ऐसे-ऐसे प्रावधान हैं कि आदिवासियों की जमीन कोई नहीं ले सकता। आपस में जमीन बेचने पर डीसी की अनुमति लेनी पड़ती थी, उसे रघुवर सरकार ने बदल दिया। कृषि भूमि को औद्योगिक या व्यावसायिक भूमि में बदलने का अधिकार सरकार ने ले लिया, यह आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। झारखंड विकास मोर्चा की एग्रिको मैदान में हुई सभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि हम तो इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते। यह तो मजाक है। यहां के लोग इसे कैसे बर्दाश्त कर रहे हैं। भाजपा सरकार तो झारखंड की बुनियाद ही बदल रही है। यह एक्ट तो झारखंड की आत्मा है।
दिनोंदिन बदहाली की ओर बढ़ रहा झारखंड जब झारखंड अलग राज्य बन रहा था, तो आदिवासियों में जबरदस्त उत्साह था। उन्हें लग रहा था कि अब हमारा प्रदेश काफी तरक्की करेगा, जो बिहार के साथ रहकर नहीं हो रहा था। उस वक्त वे रेल मंत्री थे। जब कैबिनेट में राज्य पुनर्गठन का प्रस्ताव आया, तो उन्होंने भी इसका समर्थन किया था। उन्हें भी लग रहा था कि प्राकृतिक संपदा से भरपूर यह राज्य अलग होने के बाद देश का नंबर वन होगा, लेकिन हुआ इसका उल्टा। बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री बनने के बाद झारखंड में विकास की गति देखकर लग रहा था कि हमारी सोच सही थी। इनके बाद तो यह राज्य दिनोंदिन बदहाली की ओर बढ़ता जा रहा है।
खेती की जमीन को बना दिया लैंड बैंकखेती की जमीन को रघुवर सरकार ने लैंड बैंक बना दिया है। मोमेंटम झारखंड में इसी जमीन को दिखाकर उद्यमियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया। उद्योग लगाने से पहले जमीन के मालिक की सहमति लेनी पड़ती है, सामाजिक प्रभाव का आकलन किया जाता है। यहां तो सभी नियमों-प्रावधानों की धज्जी उड़ रही है।
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