पटना के डॉक्टर का देवघर में बना था फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र
जबकि उनकी मौत 1991 में पटना में हो चुकी है। मृत्यु प्रमाणपत्र पटना अस्पताल से पूर्व में ही निर्गत किया जा चुका है।
देवघर [जागरण संवाददाता]। पटना के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. शिव नारायण सिंह की मौत का फर्जी प्रमाणपत्र देवघर नगर निगम से बनाया गया था। इस प्रमाण पत्र के मुताबिक उनकी मौत 2006 में हुई है। जबकि पटना में जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के मुताबिक उनकी मौत 1991 में पटना में हुई है। कुछ लोगों ने उनकी संपत्ति हड़पने की नीयत से ऐसा किया है। अब बिहार पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
इधर जानकारी मिलने के बाद देवघर नगर निगम व एसडीओ कार्यालय अपनी गलती सुधारने में जुट गया है। एसडीओ सुधीर प्रसाद गुप्ता ने बीते चार मई को नगर आयुक्त के नाम एक पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि निगम कार्यालय से निर्गत कास्टर टाउन निवासी चिकित्सक शिव नारायण सिंह का मृत्यु प्रमाणपत्र को रद करने की अनुशंसा की जाती है। नगर निगम के सीईओ संजय कुमार सिंह ने भी एक आदेश जारी किया है जिसमें निगम ने गलती को स्वीकार कर लिया गया है। 26.6.2006 को डॉ. शिवनारायण सिंह के निधन की जानकारी देकर निगम से गलत मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत कराया गया है। जबकि उनकी मौत 1991 में पटना में हो चुकी है। मृत्यु प्रमाणपत्र पटना अस्पताल से पूर्व में ही निर्गत किया जा चुका है।
अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में पिछले 11 अप्रैल को एक पांच सदस्सीय जांच समिति बनी थी। समिति ने 27 अप्रैल को जांच रिपोर्ट सौंपी है। जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि निर्गत प्रमाण पत्र डॉ. शिवनारायण सिंह का नहीं है। इस मामले में तीन कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछा गया है।
नगर निगम के निबंधक दीपक कुमार को निर्देश दिया गया है स्थल जांच करते तथ्यों के आधार पर नियमावली के आलोक में निर्गत प्रमाण पत्र को निरस्त करें। जानकारी हो कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के गायघाट थाना अंतर्गत बदइया गांव निवासी अर्जुन राय ने एक परिवाद पत्र दायर किया था जिसमें डॉ. शिवनारायण सिंह के देवघर नगर निगम से जारी प्रमाणपत्र को फर्जी बताया था, इसी आधार पर जांच की गई थी।
आवेदन में की गई छेड़छाड़
मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए जो आवेदन दिया गया था उसमें छेड़छाड़ की गई। नगर निगम में 25 फरवरी 2017 को बिहार के बांका जिला वर्तमान में देवघर नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत बरमसिया मोहल्ला निवासी दिलमोहन सिंह के नाम से एक आवेदन दिया गया जिसमें उसने अपने संबंधी शिव प्रसाद सिंह कास्टर टाउन की मृत्यु 26.6.2006 को देवघर में होने की बात कही गई। उनका दाह संस्कार देवघर शिवगंगा स्थित शमशान घाट में करने का दावा किया गया।
उन्होंने कहा कि वह खुद उस दाह संस्कार में उपस्थित थे। उसी आवेदन के नीचे शिव नारायण सिंह के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने की मांग की है। कर्मचारी ने अपनी रिपोर्ट में शिव प्रसाद सिंह नाम का जिक्र किया। लेकिन, बाद में टाइप किए गए आवेदन में नाम में कलम से काटकर शिव प्रसाद सिंह को शिव नारायण सिंह कर दिया गया। एसडीओ ने अपने आदेश में नाम में छेड़छाड़ करने की बात का जिक्र किया है। इतना ही नहीं दिल मोहन सिंह, अजय कुमार सिंह, ललिता देवी, बैद्यनाथ सिंह द्वारा समर्पित शपथ पत्र में स्व. शिव नारायण सिंह अंकित है ऐसे में जांच पदाधिकारी द्वारा किस शपथ पत्र के आधार पर शिव प्रसाद सिंह प्रतिवेदित किया गया, यह सवाल एसडीओ ने अपनी रिपोर्ट में उठाया है। एसडीओ ने ये भी लिखा है कि प्रथम दृष्टया ये स्पष्ट होता है कि प्रसाद को काटकर नारायण निगम कार्यालय द्वारा ही किया गया या फिर निर्गत करने के बाद ऐसा किया गया।
जांच को पहुंची मुजफ्फरपुर पुलिस
इस मामले की जांच के लिए नगर थाना मुजफ्फरपुर के एसआइ रवींद्र कुमार राय देवघर पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह यहां स्थल निरीक्षण कर डॉ. शिव नारायण सिंह के घर का अवलोकन करने व सही जानकारी लेने आए हैं। उनकी वंश परंपरा की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा निगम कार्यालय को भी मृत्यु प्रमाणपत्र के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने व इस बावत किए जाने वाले कार्रवाई से अवगत कराने के बारे में लिखा गया है।
बताया कि मुजफ्फरपुर स्थित डॉ. शिव नारायण सिंह की संपत्ति को हड़पने की नीयत से हेराफेरी की गई। वहां उनकी आठ एकड़ जमीन थी। इसमें से छह एकड़ जमीन 1998 से 2000 के बीच फर्जी तरीके से बेच दी गई। इसको लेकर वहां 18.12.2016 को एक मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच के तार अब देवघर से जुड़ रहे हैं। यहां से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत किया जाना इसी की एक कड़ी है। इस सिलसिले में अर्जुन राय ने नगर थाना प्रभारी को भी एक आवेदन दिया है जिसमें फर्जीवाड़ा से जुड़े इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
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