पैकेज्ड ¨ड्र¨कग वाटर से नियमों को धत्ता
फैयाज आलम 'मुन्ना', बेरमो : भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) के नियम को धत्ता बता
फैयाज आलम 'मुन्ना', बेरमो : भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) के नियम को धत्ता बताकर पैकेज्ड ¨ड्र¨कग वाटर की पै¨कग व बिक्री का कारोबार बेरमो कोयलांचल सहित अन्य स्थानों में बेरोकटोक जारी है। एफएसएसएआइ एवं ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) से लाइसेंस लिए बिना पैकेज्ड ¨ड्र¨कग वाटर की पै¨कग व बिक्री को अवैध करार देते हुए प्रतिबंध लगाने का आदेश बीते 5 मई 2016 को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने जारी किया था। उसके तहत एफएसएसएआइ एवं ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) से मान्यता के बिना संचालित वाटर कंपनियों को चिह्नित कर प्रतिबंधित करने का निर्देश सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों एवं सेंट्रल लाइसें¨सग ऑथारिटी को जारी कर सख्त कदम उठाने को कहा गया था। क्योंकि अधिकतर एफबीओ यानी फूड बिजनेस ऑपरेटर बिना लाइसेंस के इसकी इकाई संचालित करने में जुटे हुए हैं।
--बेरमो के दर्जनों स्थान में वाटर पैके¨जग
बेरमो कोयलांचल के दर्जनों स्थान में वाटर पैके¨जग का गोरखधंधा चल रहा है, जहां 15 व 20 लीटर के बोतलनुमा प्लास्टिक जार में पानी भरकर व टेंपो में लादकर क्वार्टरों व घरों में सप्लाई किया जाता है। उक्त बोतलबंद पानी को लोग मिनरल वाटर समझकर सेवन करते हैं। वहीं इस पानी को कारोबार शत-प्रतिशत प्रदूषण मुक्त व आर्सेनिक रहित बताकर प्रति जार 20 रुपये और फ्रिजर से ठंडा किए गए पानी को प्रति जार 30 रुपये में लोगों को आपूर्ति कर रहे हैं।
--बीआइएस से प्रमाणीकरण जरूरी
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियम-2011 के अनुसार पैकेज्ड ¨ड्र¨कग वाटर या मिनरल वाटर की पै¨कग व बिक्री के लिए बीआइएस से प्रमाणीकरण जरूरी है। कोई भी उत्पादक पैकेज्ड ¨ड्र¨कग वाटर या मिनरल वाटर को बीआइएस से प्रमाणीकरण बिना न तो उत्पादित कर सकता है, और ना ही बेच सकता है। एफएसएसएआइ की ओर से सभी प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्त एवं केंद्रीय लाइसें¨सग प्राधिकरण को जारी किए गए आदेश में अवैध रूप से संचालित पैकेज्ड ¨ड्र¨कग वाटर की इकाइयों का निरीक्षण कर बेचे जा रहे पानी का नमूना लेकर जांच के लिए भेजने को कहा गया है। इसके बावजूद बेरमो कोयलांचल में संचालित पैकेज्ड ¨ड्र¨कग वाटर की इकाइयों का न तो निरीक्षण किया जा रहा है और न ही पानी का नमूना जांच के लिए भेजा जा रहा है।