चोटी कटने की गुत्थी सुलझाने में करें सहयोग : डीजीपी
रोज चोटी कटने की घटनाओं की खबर आती है, कोई सुबूत नहीं मिलता। पुलिस किसी निर्दाेष को बंद नहीं कर सकती। लोगों को पुलिस का सहयोग करना चाहिए।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]। राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने मंगलवार को एक बार फिर चोटी कटने के मामलों की गुत्थी सुलझाने में जनता से सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान देने या कानून को अपने हाथ में लेने के बजाय सुबूत जमा करने और अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की मदद करें।
डीजीपी ने कहा कि चोटी कटने की घटनाओं की गुत्थी सुलझाने और इनमें लिप्त तत्वों को पकड़ने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है। प्रत्येक जिला स्तर पर इन मामलों के लिए संबंधित जिला उपायुक्त के नेतृतव में गठित विशेष जांच दल में डीएसपी मुख्यालय बतौर सदस्य शामिल हैं। यह जांच दल पीडि़तों के पास जाकर उनके बयान दर्ज करेगा।
उन्होंने कहा कि रोज चोटी कटने की घटनाओं की खबर आती है, लेकिन इन मामलों की जांच के लिए कोई सुबूत नहीं मिलता। पीडि़त और उसके रिश्तेदार व अन्य लोग भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जब सुबूत नहीं होगा, पीडि़त और उसके परिजन जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो पुलिस कैसे इस मामले को हल करेगी।उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में चोटी कटने के तीन हजार से ज्यादा मामले हुए हैं। उत्तर प्रदेश के बाद हरियाणा और पंजाब में यह घटनाएं हुई। जम्मू में भी करीब 254 मामले सामने आए।
जम्मू के बाद यह घटनाएं दक्षिण कश्मीर में फैली और अब सेंट्रल व नॉर्थ कश्मीर में हो रही है।डॉ. वैद ने कहा कि लोग संदेह के आधार पर जिस भी व्यक्ति को पकड़ रहे हैं, वह जांच में निर्दाेष साबित होते हैं। कई जगह दूसरे राज्यों के श्रमिकों को लोगों ने बुरी तरह पीटा। पुलिस किसी निर्दाेष को बंद नहीं कर सकती। लोगों को पुलिस का सहयोग करना चाहिए।