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चाहे सूली पर चढ़ाओ, नहीं कहूंगा कश्मीर भारत अटूट अंग है : रशीद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य विधानसभा में सोमवार को निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने कहा कि अगर मुझ

By Edited By: Published: Mon, 20 Jun 2016 09:13 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jun 2016 09:13 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य विधानसभा में सोमवार को निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने कहा कि अगर मुझे सूली पर भी चढ़ा दो तो भी मैं यही कहूंगा कि जम्मू-कश्मीर न हिंदोस्तान का अविभाज्य अंग है और न पाकिस्तान की। उनके इस कथन पर भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने एतराज जताया।

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भाजपा के रविंद्र रैना ने कहा कि रशीद साहब आपको शायद याद नहीं कि आपने भी बतौर एमएलए देश की एकता, अखंडता व क्षेत्रीय संप्रभुता की सुरक्षा की शपथ ली है। पूरा जम्मू-कश्मीर चाहे वह पाकिस्तान के कब्जे वाला हिस्सा हो या चीन के कब्जे वाला, भारत का ही हिस्सा है।

विधानसभा में बिजली व आवास एवं शहरी विकास के अनुदान मांग पर जारी बहस के दौरान कांग्रेस के विधायक नवांग रिग्जिन जोरा अपना समय समाप्त होने के बाद भी बोल रहे थे। जबकि कार्यवाही का संचालन कर रहे डिप्टी स्पीकर नजीर गुरेजी ने इंजीनियर रशीद को बोलने के लिए कहा। जोरा को बोलते देख, इंजीनियर रशीद चुप हो गए। इस पर गुरेजी ने कहा कि अगर आप नहीं बोले तो फिर मैं आपको बोलने नहीं दूंगा। यह इस पद का विशेषाधिकार है। कांग्रेस विधायक चुप हो गए और इंजीनियर रशीद ने बोलना शुरू कर दिया।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जारी जल विद्युत परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर उनका भी है। इस बीच, माकपा विधायक तारीगामी ने डिप्टी स्पीकर से कहा कि विशेषाधिकार की भी सीमा होती है। आप किसी को बोलने से नहीं रोक सकते। इस पर गुरेजी और तारीगामी की बहस होने लगी। इंजीनियर रशीद ने व्यंग्य करते हुए डिप्टी स्पीकर से कहा कि कौन-सा विशेषाधिकार और कौन-सी ताकत। आपने इसी कुर्सी पर बैठकर हंदवाड़ा मामले की रिपोर्ट पेश करने का हुक्म दिया था, जो आज तक नहीं आई। इस पर डिप्टी स्पीकर को गुस्सा आ गया और उन्होंने विधायक को कहा कि वह अनुदान मांग पर बात करें।

इस बीच, भाजपा के राजीव जसरोटिया और रविंद्र रैना ने कहा कि इंजीनियर साहब विषय से भटक रहे हैं। यह सुनते ही इंजीनियर रशीद ने कहा कि आपको मिर्ची क्यों लगी। जम्मू में गत दिनों हुए हंगामे के बाद पुलिस ने 20 लोगों को फौरन छोड़ दिया, यहां कश्मीर में जब किसी को पकड़ा जाता है तो छोड़ा नहीं जाता। यह दोगला रवैया क्यों।

गुरेजी के निर्देश पर इंजीनियर रशीद ने दोबारा बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा कि यह सही है कि मैं दो तीन दिन से सीजफायर पर था। अगर रिपोर्ट नहीं आई तो इसे भंग कर दूंगा और आपको रिपोर्ट देनी पड़ेगी। यह सुनते ही कांग्रेस के विकार रसूल ने कहा कि हमें पता है कि यह सीजफायर अनंतनाग चुनाव के लिए है। इंजीनियर रशीद ने कहा कि आप मुझे भाषण मत दीजिए।

इस बीच, डिप्टी स्पीकर ने पूछा कि आपका यह कहने का क्या मतलब है कि कश्मीर उनका भी है। इंजीनियर रशीद ने कहा कि मेरा मतलब है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है। कश्मीर दो मुल्कों में बंटा है, एक हिस्सा हिंदोस्तान के पास है दूसरा पाकिस्तान के पास। इस मसले का हल निकाला जाना है।

रशीद के मुंह से इतना निकलना ही था कि भाजपा और कांग्रेस के विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए। भाजपाइयों ने कड़ा एतराज जताया। रविंद्र रैना ने कहा कि आपने तो देश की एकता व अखंडता की शपथ ली है। इस पर इंजीनियर रशीद ने कहा कि आपको सच्चाई कुबूल दिल्ली को बताना चाहिए कि जनमत संग्रह का विकल्प नहीं है। आप आप मुझे जेल में बंद करें, चुनाव लड़ने से रोकें, या सूली पर चढ़ाए। कश्मीर मसले पर मेरा विचार नहीं बदलेगा। हमने यहां एक लाख जानें कुर्बान की हैं, जनमत संग्रह पर कोई समझौता नहीं करेंगे।

निर्दलीय विधायक ने भाजपा विधायकों की तरफ देखते हुए कहा कि मैं भारत की संप्रभुता व अखंडता के विरुद्घ नहीं हूं। मैं सिर्फ भारत-पाक के बीच तनाव के कारण जम्मू-कश्मीर की बात कर रहा हूं। विधानसभा के पास कोई हक नहीं कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को खारिज करे। नई दिल्ली दुनियाभर में ढिंढोरा पिटती है कि यहां कश्मीर में लाखों लोग वोट डालने आते हैं, वह हिंदोस्तान के साथ खुश हैं, जबकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लोग दुखी हैं। इसलिए नई दिल्ली को जनमत संग्रह करा लेना चाहिए। शायद एलओसी के दोनों तरफ बसे लोग हिंदोस्तान के हक में वोट दें और जम्मू-कश्मीर भारत का अटूट अंग बन जाए।


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