श्रीनगर मे ग्रीष्मकालीन दरबार बंद, छह को जम्मू में खुलेगा शीतकालीन राजधानी
1872 मे डोगरा शासनकाल मे शुरू व कश्मीर केंद्रित सरकारों द्वारा बरकरार रखी गई दरबार मूव की प्रक्रिया पर सालाना चार सौ करोड़ से अधिक का खर्च आता है।
जम्मू, [राज्य ब्यूरो]। जम्मू-कश्मीर मे 145 वर्ष पुरानी दरबार मूव की परंपरा के तहत राज्य सरकार की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में शुक्रवार को दरबार छह माह के लिए बंद हो गया। अब शीतकालीन राजधानी जम्मू में सरकार का दरबार 6 नवंबर से काम करेगा। सचिवालय के विभिन्न विभाग व बाहरी मूव कार्यालयो के दस हजार कर्मचारी, राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी छह माह के लिए जम्मू आएंगे। दरबार मूव से जुड़े शेष कार्यालय शनिवार को बंद हो जाएंगे।
भौगोलिक परिस्थितियों के चलते रियासत में 1872 मे डोगरा शासनकाल मे शुरू व कश्मीर केंद्रित सरकारों द्वारा बरकरार रखी गई दरबार मूव की प्रक्रिया पर सालाना चार सौ करोड़ से अधिक का खर्च आता है। दस हजार दरबार मूव कर्मचारियों को टीए भलो के तौर पर साल मे दो बार पंद्रह -पंद्रह हजार रुपये दिए जाते है। कर्मचारियो को ठहराने, उनके क्वाटर्र चुस्त, दुरस्त करने व सुरक्षा संबंधी खर्च अरबों मे है।
शनिवार को जम्मू के कर्मचारियो के काफिले के जम्मू आने के साथ दरबार मूव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एकतरफा ट्रैफिक रहेगी। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, नागरिक प्रशासन के अधिकारी हाईवे पर रहेगे।
शुक्रवार को विभिन्न विभागो मे वरिष्ठ अधिकारियो की जरूरी फाइलो को भी समेटने के साथ सरकारी रिकॉर्ड को पूरी तरह से पैक कर दिया।
दोपहर डेढ़ बजे के बाद सचिवालय मे कोई कामकाज नहीं हुआ। शाम को सामान की लोडिंग के लिए राज्य पथ परिवहन निगम के ट्रको को श्रीनगर सचिवालय के अंदर आने की अनुमति दे दी गई। ट्रको मे सामान लोड करने की प्रक्रिया जारी है। सरकारी रिकॉर्ड को लेकर वाहनो का काफिला रविवार को जम्मू की ओर रवाना होगा। शनिवार को दरबार मूव की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर पांच नवंबर तक जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अलर्ट रहेगा। सेना, केद्रीय रिजर्व पुलिस बल, राज्य पुलिस ने दरबार मूव को सुरक्षित बनाने के लिए सिक्योरिटी प्लान बनाया है। 28, 29 अक्टूबर व 4, 5 नवंबर को हाईवे पर ट्रैफिक एक तरफा रहेगी। सभी वरिष्ठ अधिकारी हाईवे पर मौजूद रहकर सुनिश्चत करेगे कि किसी प्रकार का कोई व्यवधान न आए।
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