हिमाचल में सरकार और संगठन के बीच बढ़ी रार
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में सब ठीक नहीं है। यहां कांग्रेस कमेटी के सचिवों ने अब सीएम के खिलाफ ही मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष को पत्र लिखा है।
शिमला [जेएनएन] : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पांच सचिवों ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सचिवों की नियुक्ति पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद सचिवों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखे है।
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जिला परिषद के पूर्व सदस्य एवं बीडीसी सदस्य मनजीत ठाकुर, पूर्व बीडीसी अध्यक्ष अमिद्र ठाकुर, पूर्व महासचिव रितेश कपरेट, पूर्व अध्यक्ष महेश शर्मा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीपक राठौर ने पार्टी सचिवों व कांग्रेस पर बार-बार की जा रही अनावश्यक टिप्पणियों को पत्र लिखकर टिप्पणियों से गहरा आघात पहुंचने का उल्लेख किया है। पत्र में कहा है कि निगमों-बोर्डो के अध्यक्षों- उपाध्यक्षों से हम अधिक योग्य है। सुक्खू को संबोधित इस पत्र में कहा कि हम इस पत्र के माध्यम से आपको अपने मन की पीड़ा बता रहे है।
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बने तीन साल हो चुके है, प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इसे सार्वजनिक मंचो पर क्यों उठाया जा रहा है। आम कार्यकर्ता के खिलाफ तो सार्वजनिक बयानबाजी पर कार्रवाई कर दी जाती है। पार्टी किसी नेता की जागीर नहीं है। कार्यकर्ताओं के खून-पसीने से खड़ी हुई है। पंचायत से लेकर जिला परिषद के चुनाव जीते है। इसलिए पीसीसी सचिव पंच का चुनाव नही जीत सकते, ऐसी टिप्पणी से आहत होकर पत्र आपको लिखने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन पांच सचिवों के पत्र लिखने से पहले दो सचिव प्रदीप वर्मा व कुसुम लता भी पद को छोड़ चुकी है।
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वरिष्ठ नेताओं के पुत्रों को भी लिया आड़े हाथ
सचिवों ने अपने पत्र में लिखा है कि क्या वरिष्ठ नेताओं के पुत्रों को ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पद पाने का अधिकार है? क्या आम कार्यकर्ता को यह हक नहीं है? सरकार में बोर्ड-निगमों के 100 चेयरमैन-वाइस चेयरमैन है। उनमें से कितनों ने पंच का चुनाव लड़ा और जीता है।
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अन्य राज्यों मे ज्यादा सचिव
हरियाणा व पंजाब में पीसीसी सचिवों की संख्या हिमाचल से ज्यादा है। हिमाचल में तो सिर्फ 60 सचिव और छह महासचिव है जबकि पंजाब में 307 सचिव और 96 महासचिव है। हरियाणा में सचिवों की सख्या 150 है।