किसान मर रहे, उत्सव मना रहे मोदी: शिंदे
मोदी सरकार खाद्यान्न का समर्थन मूल्य दस-दस रुपये बढ़ा रही है जबकि यूपीए ने इसे एक क्विंटल के पीछे सौ रुपये बढ़ाया था।
शिमला, राज्य ब्यूरो। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि किसान जिंदा रहेंगे तो हम रहेंगे। देश में किसान मर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञापन देकर अपने तीन साल का उत्सव मना रहे हैं। किसानों को झूठा आश्वासन दिया गया कि पैदावार बढ़ाने पर समर्थन मूल्य बढ़ाएंगे। किसानों ने पैदावार तो बढ़ाई लेकिन किसान आज भी मर रहे हैं।
शिंदे ने यहां पत्रकारों से कहा कि किसान महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश तक आंदोलन कर रहे हैं मगर सरकार चुप है। मोदी सरकार खाद्यान्न का समर्थन मूल्य दस-दस रुपये बढ़ा रही है जबकि यूपीए ने इसे एक क्विंटल के पीछे सौ रुपये बढ़ाया था। किसानों की कर्ज मुक्ति पर भी कुछ नहीं हुआ है। कश्मीर मामला अलगाववादियों व सरकार में बातचीत करने से ही सुलझ सकता है। सरकार को उनके साथ हाथ मिलाकर चलना चाहिए। देश की सुरक्षा खतरे में है और सैनिक मारे जा रहे हैं। सीमाओं की चौकियों पर आतंकी हमले होना केंद्र सरकार की नाकामी है। मोदी सरकार की आतंकवाद को खत्म करने की बात झूठी निकली है। केंद्र में गृह मंत्री रहते हुए वह संबंधों को सुधार रहे थे और लाल चौक भी गए। देश में तनाव मिटाने का काम सरकार का है।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत जारी रखी थी। शिमला समझौता भी इसी कड़ी का एक अंग था। आज पाक, चीन व नेपाल जैसे देश हमारे दुश्मन बनते जा रहे हैं और सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।सुरक्षा के अलावा मोदी सरकार अन्य क्षेत्रों में भी विफल रही है। कांग्रेस लोकतंत्र में विश्र्वास रखने वाली पार्टी है। मोदी सरकार के तीन साल हो गए और कांग्रेस ने कोई टीका टिप्पणी नहीं की। तीन साल बाद मोदी कह रहे हैं कि जो वादे जनता से किए, वे पूरे किए जिसके पीछे की सच्चाई कुछ और है। मोदी ने वादा किया था कि देश का काला धन निकाल कर जनता के खाते में डालेंगे। ऐसा कुछ नहीं हुआ जबकि नोटबंदी का निर्णय सुनाकर जनता को सड़कों पर खड़ा कर दिया गया।
मोदी जनता को आज तक यह नहीं बता पाए कि कितना पैसा बैंकों में आया और इससे क्या फायदा हुआ। देश की अर्थव्यवस्था दो फीसद घट गई। देश में युवा बेरोजगार बढ़ रहे हैं। दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था जबकि 2.31 लाख नौकरियां ही दीं। शिक्षा क्षेत्र में भी कुछ खास नहीं किया गया। मोदी सरकार यूपीए सरकार की योजनाओं के उद्घाटन कर और नाम बदलकर श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।
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