700 करोड़ रुपये का मिड हिमालयन प्रोजेक्ट मंजूर
मिड हिमालयन प्रोजेक्ट की स्वीकृति का पत्र जारी कर दिया गया है। प्रोजेक्ट सिरमौर व लाहुल स्पीति जिलों को छोड़कर अन्य 10 जिलों में चलाया जाएगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। विश्व बैंक ने हिमाचल के लिए 700 करोड़ रुपये के मिड हिमालयन प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलने से प्रदेश के हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा। मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के पहले चरण में कार्य करने वाले जिन युवाओं का परियोजना समाप्त होने के कारण रोजगार छिन गया था, अब उन्हें दोबारा रोजगार का अवसर मिलेगा।
मिड हिमालयन प्रोजेक्ट की स्वीकृति का पत्र जारी कर दिया गया है। प्रोजेक्ट सिरमौर व लाहुल स्पीति जिलों को छोड़कर अन्य 10 जिलों में चलाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट के दूसरे चरण को स्वीकृति के लिए विश्व बैंक को भेजा था। इस संबंध में विश्व बैंक की टीम ने प्रदेश का जायजा लिया था।
प्रोजेक्ट के पहले चरण में किए गए कार्यों का जायजा लिया गया और उसके आधार पर मंजूरी प्रदान की गई। मिड हिमालयन प्रोजेक्ट के तहत वाटरशैड, सिंचाई के लिए टैंकों का निर्माण, पौधरोपण कर प्रदेश में हरियाली बढ़ाना, पशुपालन को बढ़ावा देना, उन्नत किस्म के बीजों का वितरण कर ग्रामीणों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना, बागवानी, कृषि व भूमि सरंक्षण को बढ़ावा देना शामिल है।
विश्व बैंक ने इससे पूर्व वर्ष 2005 में हिमाचल के लिए 600 करोड़ रुपये का मिड हिमालयन प्रोजेक्ट मंजूर किया था। इसके तहत प्रदेश की 710 पंचायतों में वाटरशैड की विभिन्न गतिविधियों के तहत काम किया गया। विश्व बैंक ने प्रोजेक्ट के लिए दो चरणों में बजट जारी किया था। पहले चरण में वर्ष 2005 में 365 करोड़ रुपये जारी किए और प्रोजेक्ट वर्ष 2013 तक था। वर्ष 2013 में विश्व बैंक ने प्रोजेक्ट को वर्ष 2016के लिए और बढ़ाते हुए 235 करोड़ रुपये मंजूर किए।
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