खुशखबरी: हिमाचल में खत्म होगी अनुबंध प्रथा
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में अनुबंध प्रथा को समाप्त किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।
जेएनएन, शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में अनुबंध प्रथा को समाप्त किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। वीरभद्र सिह विपक्ष द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए लाए गए कटौती प्रस्ताव के जवाब में बोल रहे थे। सरकार नहीं चाहती है कि कर्मचारी हमेशा के लिए ही अनुबंध पर रहे। सोमवार को विधानसभा में विपक्ष द्वारा पुलिस और सबद्ध सगंठनो को लेकर लाया गया कटौती प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया।
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इस कटौती प्रस्ताव में विपक्ष द्वारा कांस्टेबलो की अनुबंध आधार पर भर्ती किए जाने को विपक्ष द्वारा अनुचित ठहराए जाने के जवाब में वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश पुलिस में कोई भी कांस्टेबल अनुबंध पर सेवाएं नहीं दे रहा है। प्रदेश में पुलिस बेहतर कार्य कर रही है ओर इसी का परिणाम है कि ड्रग माफिया पर नुकेल कसी गई है। वीरभद्र ने माना कि प्रदेश में नशे की आपूर्ति हो रही होगी, लेकिन इसकी आपूर्ति करने वालों को बखशा नहीं जा रहा है। पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां आई नई सरकार ने ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इन पर शिकंजा कसा जा रहा है और इससे हिमाचल में भी असर होगा और पड़ोसी राज्यों से नशे की खेप यहां आसानी से नहीं पहुंच पाएगी।
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वीरभद्र व रिश्तेदारों का शराब कारोबार से सरोकार नहीं
वीरभद्र सिंह ने सदन को बताया कि उनका और उनके किसी भी रिश्तेदार का शराब कारोबार से कोई संबंध नहीं है ओर न ही रहा है। शराब माफिया या ड्रग माफिया का किससे संबंध है सभी को पता है, जब अदालत से दोषी ठहाराया जाएगा तब नामों का खुलासा करना उचित होगा। प्रदेश सरकार द्वारा गठित बीवरेज कारपोरेशन को 400 करोड़ से अधिक का शुद्ध लाभ हुआ है और विपक्ष द्वारा ऐसी कोई व्यवस्था न करने से प्रदेश को बीते वर्षो के दौरान करोड़ो रुपये का नुकसान हुआ है। वीरभद्र सिंह ने कटौती प्रस्ताव के दौरान महेंद्र सिंह को बीच में रोकते और हस्तक्षेप करते हुए सदन को जानकारी दी। कारपोरेशन का गठन प्रदेश सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है और इसके गठन से प्रदेश में शराब के कारोबार पर पांच से 10 घरानों का चल रहा एकछत्र राज खत्म हो गया है। इन घरानो ने निगम को विफल करने की पूरी कोशिश की, लेकिन सरकार ने इनके इरादो को सफल होने नहीं दिया। विपक्ष के माफियाराज के आरोपों पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि वास्तव में माफिया पूर्व बीजेपी शासनकाल में हावी था, जो आज विपक्ष में बैठा है। माफिया के आरोप लगाना ठीक बात नहीं है और शब्दों का सही प्रयोग होना चाहिए।