बढ़ती उम्र में नजरों पर रखें नजर
बढ़ती उम्र के कारण आंखों की रोशनी के लगातार घटने का एक प्रमुख कारण ऐज रिलेटेड मैकुलर डिजेनरेशन (ए आर एम डी) है। इस रोग को कैसे नियंत्रित किया जाए...
ऐज रिलेटेड मैकुलर डिजेनरेशन (ए आर एम डी) एक ऐसी बीमारी है, जो नेत्र दृष्टि को अपूरणीय हानि पहुंचा सकती है। यह बीमारी रेटिना के मध्य भाग (जिसे मैकुला कहते हंै) के क्षीण होने पर होती है। मैकुला आंख की मध्य दृष्टि (सेंट्रल विजन) के लिए उत्तरदायी होता है। और जब आंख का यह भाग क्षीण होने लगता है, तब पीडि़त व्यक्ति को दैनिक कार्र्यों को करने में निगाह से संबंधित परेशानियां महसूस होने लगती हैं।
जानें लक्षणों को
- नजर का लगातार कमजोर होना।
- जैसे-जैसे यह बीमारी बढऩे लगती है, वैसे- वैसे पीडि़त की नजर धुंधली होने लगती है।
- पढ़ते समय तेज रोशनी की आवश्यकता।
- कम रोशनी में तालमेल बिठाने में कठिनाई।
- चेहरों को पहचानने में कठिनाई।
- छपे हुए अक्षरों को पढऩे में परेशानी।
- रंगों की तीव्रता या चमक पहचानने में तकलीफ आदि।
मर्ज के दो प्रकार
मैकुलर डिजेनरेशन के मुख्यत: दो प्रकार होते हंै। पहला, ड्राई मैकुलर डिजेनरेशन और दूसरा वेट मैकुलर डिजेनरेशन। ड्राई मैकुलर डिजेनरेशन में मैकुला के अंदर पीले रंग के कुछ विशिष्ट पदार्थ संचित होने लगते हैं।
इस कारण व्यक्ति को पढ़ते समय धुंधला दिखाई देता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, पीडि़त व्यक्ति की नजर के आगे काले धब्बे दिखने लगते हैं।
वेट मैकुलर डिजेनरेशन के मामले ड्राई मैकुलर डिजेनरेशन की तुलना में ज्यादा गंभीर होते हैं, पर वेट मैकुलर डिजेनरेशन के मामले काफी कम सामने आते हैं। इसमें रेटिना के नीचे असामान्य रूप से रक्त वाहिकाओं का विकास होने लगता है। जब यह रक्त वाहिकाएं रेटिना में रक्त और तरल पदार्थ छोडऩे लगती हैं, तब पीडि़त व्यक्ति को धुंधला या विकृत दिखाई देने लगता है। रक्त स्राव के कारण आंख में घाव बनने लगता है, जिसके कारण नजर के आगे धब्बे दिखने लगते हंै।
कैसे मिले राहत
मैकुलर डिजेनरेशन का उपचार पूरी तरह से संभव नहीं है, परंतु समय से जांच व उपचार, आपको अपनी दृष्टि खोने और इस बीमारी के आगे बढऩे से बचा सकता है। वेट मैकुलर डिजेनरेशन के इलाज के लिए आज कई विकल्प मौजूद हैं। इस विकल्प के अंतर्गत प्राथमिक तौर पर आंख में इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन मैकुला में सूजन और रक्तस्राव को घटाने में काफी मदद करता है, जिससे दृष्टि सुधरने लगती है। एक सेहतमंद जीवन-शैली इस बीमारी से बचाने या इस रोग के बढऩे की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। जैसे नियमित रूप से व्यायाम करें। एंटी-ऑक्सीडेंट्स और मल्टी विटामिंस से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे फल और सब्जियां) लें।
डॉ.राजीव जैन
नई दिल्ली