गर्भावस्था में लापरवाही पड़ सकती है भारी
मां बनने की कल्पना ही सुखद अहसास कराती है। इस दौरान भावी मां जितनी उत्साहित रहती है उतनी ही आशंकित भी। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ सामान्य शंकाओं की हकीकत...
गर्भावस्था के दौरान सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। कारण, जरा सी लापरवाही से आप परेशानी में पड़ सकती हैं।
मिथ
गर्भावस्था के दौरान मैनिक्योर व पैडिक्योर नहीं कराना चाहिए।
हकीकत
ऐसे सौंदर्य उपचार जिसमें शरीर के विशेष अंगों पर जोर नहीं पड़ रहा हो, करा सकती हैं।
मिथ
गर्भावस्था के दौरान बालों को कलर नहीं कराना चाहिए।
हकीकत
पहले चेक करें कि कहीं एलर्जी तो नहीं हो रही। जहां तक हो सके केमिकल रहित कलर का इस्तेमाल करें अन्यथा कलर में शामिल केमिकल प्रेग्नेंसी में परेशान कर सकता है। यदि एलर्जी न हो रही तो कलर कराने में हर्ज नहीं।
मिथ
गर्भावस्था के दौरान हाथों और पैरों की मसाज नहीं कराई जा सकती है?
हकीकत
हाथों और पैरों की मसाज कभी भी कराई जा सकती है।
मिथ
प्रेग्नेंसी में जॉगिंग करना ठीक रहता है। हकीकत जी नहीं, इसकी जरूरत नहीं, बल्कि वॉक करना ज्यादा ठीक होगा।
मिथ
प्रेग्नेंसी में एरोबिक एक्सरसाइज करना ठीक रहता है।
हकीकत
जी नहीं, ऐसी एक्सरसाइज जिसमें शरीर पर धक्का लगने की आशंका हो, उसे न करें।
मिथ
गर्भावस्था के दौरान हवाई यात्रा सुरक्षित है?
हकीकत
32 सप्ताह तक सुरक्षित है। इसके बाद डॉक्टर सलाह नहीं देते।
मिथ
माइक्रोवेव में बना भोजन प्रेग्नेंसी के दौरान खाना सुरक्षित नहीं होता है।
हकीकत
विज्ञान के अनुसार इसमें कोई हर्ज नहीं।
मिथ
इस दौरान कॉफी कम नुकसान करती है।
हकीकत
किसी भी कैफीन युक्त पेय का ज्यादा सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
मिथ
सर्दी-जुकाम के लिए दवा नहीं ली जा सकती है।
हकीकत
माइल्ड डोज ली जा सकती है, लेकिन डॉक्टरी सलाह से।
मिथ
गर्भावस्था के दिनों में भोजन के साथ फल
खाने चाहिए।
हकीकत
फल दो भोजन के अंतराल में खाने चाहिए जैसे ब्रेकफास्ट और लंच के बीच या लंच और डिनर के बीच में। यह सेहत के लिए ज्यादा मुफीद रहता है। भूख लगने पर तला-भुना खाने से बेहतर है कि फल खाएं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार जरूरी है।
मिथ
वेजीटेरियन डाइट संतुलित नहीं होती।
हकीकत
यह धारणा पूरी तरह गलत है। शाकाहारी भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और कोशिकाओं को पोषण देने वाले आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्व
संतुलित मात्रा में होते हैं। नॉनवेज की तुलना में फलों, सब्जियों और दालों में माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्व
अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसी वजह से नॉन वेजीटेरियन लोगों को भी खाने के साथ सब्जियों
और सलाद लेने की सलाह दी जाती है, ताकि उन्हें संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिल सके।
मिथ
केले का सेवन शरीर को मोटा बनाता है।
हकीकत
सच तो यह है कि केले में वसा काफी कम मात्रा में पायी जाती है। एक केले में 95 कैलोरी पाई जाती है, जबकि वसा मात्र आधा ग्राम ही पायी जाती है। केला पोटेशियम का एक प्रमुख स्रोत है। यह सेहत के लिए भी लाभदायक है।
मिथ
गर्म तासीर होने की वजह से बादाम और अन्य ड्राईफ्रूट्स नहीं खाने चाहिए।
हकीकत
बादाम व अन्य ड्राई फ्रूट्स में प्रोटीन, आयरन, गुड फैट आदि अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं।
इनका सेवन लाभप्रद रहता है। 8-10 बादाम या एक मु_ी ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए।
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