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टॉयलेट सीट से ज्यादा संक्रमित होता है आपका नोट

एक शोध में सामने आया है कि नोट अापके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद खतरनाक हैं। यह टायलेट सीट से भी अधिक संक्रमित होता है और इस कारण यह कई तरह की संक्रामक बीमारियों का वाहक है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 01:38 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2016 05:38 PM (IST)
टॉयलेट सीट से ज्यादा संक्रमित होता है आपका नोट

रोहतक, [ओपी वशिष्ठ]। जिस रुपये से आप अपने सपनों को सच करना चाहते हैं, वही आपकी सेहत के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। कागज के एक नोट में इतने बैक्टीरिया होते हैं, जिनकी वजह से खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में करंसी पर शोध में इस तरह के कई लक्षण सामने आए हैं। कागज की करंसी पर संक्रमण होता है। नोट पर घर की टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया पाए गए हैं।

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नोट इसलिए है बैक्टीरिया का घर

कागज की करंसी को कॉटन लिंटर से तैयार किया जाता है। नोट की सतह खुरदरी होने के कारण उसमें नमी के साथ धूल-मिट्टी के कण जमा हो जाते हैं, जिसकी वजह से तरह-तरह के सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ जाती है। नोट का बार-बार इस्तेमाल करने से ये सूक्ष्म जीव धीरे-धीरे शरीर में प्रवेश करना शुरू कर देते हैं। शरीर में ये बैक्टीरिया रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम करना शुरू कर देते हैं।

कागज की करंसी में हजारों बैक्टीरिया स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

पहले से ही किसी रोग से ग्रस्त व्यक्ति को इन बैक्टीरिया से शीघ्र नुकसान का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। इन बैक्टीरिया से बचने के लिए काफी एहतियात की जरूरत है।

छोटा नोट ज्यादा घातक

नोट जितना छोटा होगा, उतना ही स्वास्थ्य के लिए घातक होगा। छोटे नोट का लेनदेन अधिक होता है। अधिक हाथों से होकर गुजरता है। इसे फुटकर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। छोटा नोट हर तबके के लोगों के पास जाता है। चाय की दुकान, पान की दुकान, हलवाई व होटल व रेस्टोरेंट में इसका ज्यादा इस्तेमाल होता है।

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नोट में 26 हजार बैक्टीरिया

सहायक प्रोफेसर डा. अनुराग खटकड़ का कहना है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में किए शोध के मुताबिक औसतन एक बैंक नोट पर 26 हजार बैक्टीरिया पाए गए थे। ऐसा ही भारत, सऊदी अरब सहित कई देशों में कागज के नोट पर संक्रमण पाया गया है। उन्होंने बताया कि इस गंभीर मामले को लेकर उन्होंने साइंस एंड टेक्नोलाजी मंत्रलय को रिसर्च करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। मंत्रलय ने प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान करते हुए 23.69 लाख रुपये का बजट भी स्वीकृत किया है।

'एक रुपये का नोट न हो जारी'

एक रुपये का नोट जारी करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत सरकार को 50 पेज की रिपोर्ट बनाकर इसे जारी नहीं करने के लिए भेजा है। यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, केंद्र व राज्य सरकार को भेजी गई है। सरकार को स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत मिशन के साथ स्वच्छ करंसी को भी अभियान में शामिल करना चाहिए।

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स्वास्थ्य पर ये हैं खतरे

1: एच-१ एन-१ एवं एच-३ एन-२ संक्रमण यानी स्वाइन फ्लू व अन्य संक्रमण का खतरा

2: यूटीआइ यानी यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन, यानी पेशाब संबंधी बीमारियां

3: सीरियस फूड प्वाजनिंग, निमोनिया, लंग इंफेक्शन व सेप्टीसिमियार

3. गले का संक्रमण, अलग-अलग तरह के बुखार और सांस की बीमारियां।

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ये बरतें सावधानियां

1.कागज के नोट का इस्तेमाल करने के तुरंत बाद साबुन से हाथ धोने चाहिए। अक्सर लोगों को देखा जाता है कि गिनती करते समय अंगुलियों पर मुंह से थूक लगाकर नोट को गिनते हैं। यह सीधे तौर पर बैक्टीरिया को मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश कराना है।

2. नोट की गिनती करते समय या तो मशीन का इस्तेमाल करें या गिनती करने के बाद हाथ जरूर साफ करें।

3. पैसे का लेन-देन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या ऑनलाइन करना चाहिए।


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