दुष्कर्म पीड़िता को साथ रखने के लिए परिजन राजी, थाने में दी अर्जी
दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई युवती ने बच्चे को जन्म दिया है। परिजन दुष्कर्म पीड़िता को घर ले जाने के लिए राजी हो गए हैं। ...और पढ़ें

जेएनएन, यमुनानगर। दुष्कर्म के बाद बेटे को जन्म देने वाली गांव कैल की युवती को अपनाने के लिए उसका परिवार राजी हो गया है। युवती के दादा के अनुसार वे अपनी पोती को साथ रखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने एक अर्जी थाने में भी दी है, लेकिन करनाल के जिस वन स्टॉप सेंटर फॉर वुमैन (सखी) में उसकी पोती को रखा गया है वहां परिवार के किसी भी सदस्य को उससे मिलने नहीं दिया जाता। वहां उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है जैसे वे अपनी बेटी के दुश्मन हों।
युवती के दादा का कहना है कि वे चाहते हैं कि उसकी पोती का घर बस जाए। क्योंकि पोती के साथ दुष्कर्म करने वाला अमित पहले फरार था। उन्हें डर था कि फरार अमित उसकी पोती को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए वे अपनी पोती व उसके बेटे को अपने साथ घर नहीं ले गए थे। कोर्ट ने अमित की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है, परंतु अब वह पुलिस तफ्तीश में शामिल हो गया है। इसलिए उन्हें किसी बात का डर नहीं है।
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बचने के लिए रखा शादी का प्रस्ताव
गांव कैल के अमित पर पुलिस ने दुष्कर्म व उसके साथ विनय व अन्य लोगों पर साजिश रचने का केस दर्ज कर रखा है। केस दर्ज होने के बाद अमित भी पीड़िता से शादी करने व उसके बच्चे को अपनाने को तैयार हो गया था। परंतु पीड़िता के परिजनों का कहना है कि अमित ये सब खुद को बचाने के लिए कर रहा है।
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दादा का कहना है कि वह तभी बच सकता है जब वो उससे शादी कर सकता है। पुलिस भी दोनों की शादी करने का दबाव बना रही है। परंतु वे ऐसा नहीं होने देंगे। आरोपी ने उसकी पोती की जिंदगी को बर्बाद किया है। पहले उसकी पोती से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती किया और अब उससे शादी करना चाहता है।
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करनाल में नहीं मिलने देते
सिविल अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद प्रशासन ने पीड़िता को करनाल स्थित वन स्टॉप सेंटर फॉर वुमैन (सखी) में भेज दिया था। पीड़िता के दादा का कहना है कि वे कई बार उसे मिलने के लिए करनाल में गए। परंतु उन्हें अंदर भी नहीं जाने दिया गया। उनके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया गया। वे उससे बात करने गए थे। परंतु किसी ने भी उनकी नहीं सुनी।
क्या था मामला
कैल गांव की युवती के साथ उनके गांव में रहने वाले अमित ने दुष्कर्म किया था। इससे युवती गर्भवती हो गई। परिजनों को इसका पता तब चला जब वह सात माह की गर्भवती थी। अमित ने उससे शादी करने से मना कर दिया था। गर्भवती युवती गांव में परिजनों के साथ रह रही थी। 10 मई को प्रसव पीड़ा होने पर युवती ने सिविल अस्पताल में एक लड़के को जन्म दिया, लेकिन युवती के परिजनों ने उसे व उसके बच्चे को अपनाने से मना कर दिया था। 15 मई को उसे करनाल के वन स्टॉप सेंटर में भेज दिया गया था। तब से वो वहीं रह रही है।
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