हरियाणा मेें निर्विरोध चुनी जाने वाली पंचायतें होंगी मालामाल
राज्य सरकार ने सर्वसम्मति से चुनी जाने वाली पंचायतों को मालामाल करने का फैसला ले किया है। पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू कर विपक्षी दलों के निशाने पर आई भाजपा सरकार ने पूरी पंचायत के सर्वसम्मति से चुने जाने पर 11 लाख का पुरस्कार देने का एलान किया है।
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़ : हरियाणा में भले ही पंचायत चुनाव फिलहाल लटके हुए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने सर्वसम्मति से चुनी जाने वाली पंचायतों को मालामाल करने का फैसला ले किया है। पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू कर विपक्षी दलों के निशाने पर आई भाजपा सरकार ने पूरी पंचायत के सर्वसम्मति से चुने जाने पर 11 लाख रुपये का पुरस्कार देने का एलान किया है।
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पंचायत एवं विकास विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। पंचायत राज मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने पंचायत चुनाव में हिंसा और पार्टीबाजी रोकने के उद्देश्य से यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा था। धनखड़ का मानना है कि सर्वसम्मति से चुनाव होने पर गांवों में सामाजिक सौहार्द बढ़ेगा और विकास के लिए धन का बंदोबस्त हो सकेगा। चुनाव में खर्च कम करने पर भी इस फैसले से मदद मिलेगी।
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धनखड़ के अनुसार जिला परिषद एवं पंचायत समितियों के सर्वसम्मति से चुनाव करने पर पांच लाख तथा दो लाख रुपये के पुरस्कार दिए जाएंगे। केवल सरपंच का सर्वसम्मति से चुनाव होने पर पांच लाख तथा पंच का सर्वसम्मति से चुनाव होने पर 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह पुरस्कार राशि संबंधित पंचायत को विकास के लिए दी जाएगी।
प्रदेश में बढ़ गए पंच-सरपंचों के पद
राज्य में नई पंचायतों का गठन होने के चलते पंच व सरपंचों के पदों में इजाफा हुआ है। 2010 के आमचुनाव के दौरान प्रदेश में सरपंचों के कुल पद 6083 थे, जो अब बढ़कर 6248 हो गए हैं। इसी तरह पंचों के 58 हजार 783 पदों की जगह अब इनकी संख्या 63 हजार से अधिक हो गई है।
नई वार्डबंदी के बाद जिला परिषद के सदस्यों एवं पंचायत समिति सदस्यों की संख्या भी बढ़ी है। पहले पंचायत समिति के सदस्यों के लिए 2772 पद थे, जो अब बढ़कर 3018 हो गए हैं। जिला परिषद सदस्यों के 374 पदों की तुलना में पांच वर्षों में बढ़कर इनकी संख्या 419 हो गई है।