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अतिथियों के समर्थन में आई खापों पर हाई कोर्ट सख्त

सरप्लस अतिथि अध्यापकों की नौकरी से हटाने के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षकों के समर्थन में आई खापों को भी आड़े हाथों लिया।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2015 12:28 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2015 02:52 PM (IST)

चंडीगढ़। सरप्लस अतिथि अध्यापकों की नौकरी से हटाने के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षकों के समर्थन में आई खापों को भी आड़े हाथों लिया। मामले में सरकार को निर्देश जारी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि खापों से निपटने के लिए वे तैयार रहें।

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यदि ऐसा नहीं किया गया और इसके चलते जान-माल की हानि हुई तो दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। अतिथि अध्यापकों की याचिका पर दिए अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि अतिथि अध्यापकों को हटाने के आदेश के साथ ही समाचार पत्रों में प्रकाशित यह समाचार नहीं नजरअंदाज किया जा सकता कि खाप पंचायतें उनके समर्थन में सामने आ गई हैं।

कोर्ट के संज्ञान में लाया गया है कि खाप पंचायतों का निर्णय है कि यदि सरकार द्वारा इन शिक्षकों को हटाने का फैसला वापस नहीं लिया गया तो वे व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करेंगे और स्कूल नहीं खुलने दिए जाएंगे। बैंच ने कहा कि प्रशासनिक कार्य सरकार को करने है न कि खाप पंचायतों को। इस प्रकार की स्थिति के बारे में सरकार को पहले ही कदम उठाने चाहिए।

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिए कि वे इन चेतावनियों को हल्के में लेने की भूल न करे। अभी प्रारंभिक स्तर पर इस प्रकार के धरना प्रदर्शनों से निपटने के लिए तैयार रहे। हरियाणा के गृह सचिव व डीजीपी को निर्देश जारी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि जान-माल की सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी है और यदि इस प्रकार के धरना-प्रदर्शन में जान-माल का नुकसान न हो इसे सुनिश्चित किया जाए। यदि आवश्यकता पड़े तो राज्य सरकार धारा 144 लगाकर धरना प्रदर्शन रोके।

हाईकोर्ट ने कहा कि यदि इस प्रकार के धरना प्रदर्शनों से निपटने के लिएअभी से तैयारी नहीं की गई और सरकारी या निजी संपत्ति को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाया गया तो दोषी अधिकारियों के प्रति हाईकोर्ट नरम रवैया नहीं रखेगा। इन आदेशों के साथ ही हाईकोर्ट ने सरप्लस अतिथि अध्यापकों की अपील को खारिज कर दिया था।


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