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धूल के कारण अस्थमा रोगियों की संख्या बढ़ी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गेहूं की कटाई व तेज हवा के कारण इन दिनों आसमान से आफत

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Apr 2017 01:22 AM (IST)Updated: Sat, 08 Apr 2017 01:22 AM (IST)
धूल के कारण अस्थमा रोगियों की संख्या बढ़ी

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गेहूं की कटाई व तेज हवा के कारण इन दिनों आसमान से आफत बरस रही है। धूल के कण हवा में मिलकर लोगों का दम घुट रहा है। अस्पतालों में अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों की तादाद दो गुणा बढ़ गई है। इस कारण सामान्य लोग भी खुली हवा में सांस नहीं ले पा रहे हैं। स्थिति कुछ ऐसी है कि खुले में खड़े वाहनों पर कुछ ही देर में धूल जम जाती है।

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विशेषज्ञों के अनुसार इसे टेम्परेचरइनवर्जन हैं। अगले कुछ दिनों तक यह समस्या लोगों को ज्यादा परेशान कर सकती है। वहीं चिकित्सकों की सलाह है कि गेहूं कटाई तक श्वसन से जुड़ी बीमारी के मरीज घर से बाहर निकलने से बचें और सामान्य लोग भी इस समस्या से बचकर रहें।

सड़कें भी उगल रही धूल

धूल तो लोगों की समस्या बन रही है साथ ही जगह-जगह हो रहे निर्माण के चलते सड़कें खोद रखी है। यह भी लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। तेज हवा से उड़ने वाली धूल से उस सड़क पर दुकानदार और वहां से गुजरने वाले लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। रेलवे रोड, कच्चा घेर, अमीन रोड, चक्रवर्ती मोहल्ला समेत कई मार्गों पर सड़कों से धूल निकल रही है।

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निचली सतह पर रुक जाते धूलकण

अचानक से तापमान उल्टा हो जाना इसे टेम्परेचरइनवर्जन कहा जाता है। अचानक से वर्षा के बाद मौसम तापमान गिर जाने की वजह से धूल के कण वायुमंडल की निचली सतह पर ही रुक जाते हैं। खेतों में थोड़ी बहुत गतिविधि शुरू हो चुकी है। इसलिए कटाई के दौरान धूलकण उड़कर वातावरण में मिल जाते हैं और तापमान कम होने की वजह से वे नीचे ही घूमते रहते हैं जो हवा के साथ महसूस किए जा सकते हैं। इससे प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। यह मौसम स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता।

नरेश भारद्वाज, पर्यावरणविद् एवं सदस्य, ग्रीन अर्थ संस्था।

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मरीजों के बढ़ रही तादाद

गेहूं कटाई सीजन के दौरान अस्थमा व सीओपीडी मरीजों की तादाद बढ़ जाती है। अक्सर मरीजों की संख्या कटाई के अंतिम दिनों में होती है। रोजाना 100 से 120 मरीज अस्थमा की समस्या होने के कारण पहुंच रहे हैं। अस्थमा व सीओपीडी के मरीज इन दिनों घर से बाहर निकलने से परहेज करें। सामान्य लोग भी इसकी वजह से जुकाम व अन्य समस्याओं से प्रभावित हो सकते हैं। घर से मुंह पर कपड़ा ढककर चलें। वाहन चालक हेलमेट का प्रयोग करें, ताकि धूल के कण श्वास के साथ श्वसन तंत्र को प्रभावित न करें।

डॉ. गौरव, चिकित्सक, एलएनजेपी अस्पताल।


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