सेमिनार में धारा 370 विषय पर शोध परक जानकारी दी
जागरण संवाददाता, कैथल :भारतीय इतिहास संकलन समिति हरियाणा की जिला इकाई की ओर से आरकेएसडी कॉलेज में सं
जागरण संवाददाता, कैथल :भारतीय इतिहास संकलन समिति हरियाणा की जिला इकाई की ओर से आरकेएसडी कॉलेज में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता भारतीय इतिहास संकलन समिति के प्रांतीय मार्ग दर्शक डॉ. हरीश चंद्र झंडई ने किया। संगोष्ठी का संचालन इतिहासकार कमलेश शर्मा ने किया।
संगोष्ठी में प्रो. अशोक अत्री ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए धारा 370 की पृष्ठ भूमि, परिचय, धारा 370 के लगाए जाने के कारणों, पक्ष विपक्ष में तर्क, वितर्क और प्रभाव व वर्तमान में प्रासंगिकता पर व्यापक रूप से प्रकाश डालते हुए अपना मत प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि धारा 370 एक मुखौटा है। इसमें प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से काफी परिवर्तन हो चुके है। इस धारा के कारण काफी समस्याएं है, फिर भी इसे आक्रामक रूप से हटाना जाना राष्ट्र हित में नहीं है। इसे धीरे-धीरे प्रभावहीन बनाया जाना चाहिए।
प्रो. बी बी भारद्वाज ने भारतीय स्वतंत्रता के पूर्व व बाद की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए धारा 370 विषय पर शोध परक जानकारी दी। डॉ. हरीश चन्द्र झंडई ने कहा कि धारा 370 को अप्रासंगिक बनाया जा सकता है। इसके लिए सशक्त राजनीतिक इच्छा शक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न है और रहेगा। संगोष्ठी में प्राचार्य अनिल छाबड़ा, प्राचार्य अमृत सचदेवा, प्रो. सतीश शर्मा, हकीम चतरभुज बंसल, प्रो. सूबे सिंह राविश, इतिहासकार कमलेश शर्मा व डॉ. तेजिन्द्र सहित शामिल थे।