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गेस्‍ट टीचर मामले पर खाप पंचायतों का सरकार को अल्‍टीमेटम

हरियाणा में अतिथि अध्‍यापकों को मामला एक बार फिर गर्म हाे गया है। इस मामले में अब प्रदेश की खाप पंचायतें भी कूद गई हैं। सोमवार को जींद में सर्व खाप की महापंचायत में इस मामले में राज्‍य सरकार को 13 जुलाई तक का अल्‍टीमेअम दिया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 01:55 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 02:48 PM (IST)

जींद : अतिथि अध्यापकों को हटाने के मामले में अब खाप पंचायतें भी कूद पड़ी हैं। जींद में सोमवार को प्रदेश की सर्व जातीय खाप की महापंचायत हुई। इसमें कई संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। महापंचायत में अतिथि शिक्षकों को हटाने का विरोध करते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा गया। प्रदेश सरकार को 13 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया गया।

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महापंचायत में कहा गया कि प्रदेश सरकार 13 जुलाई तक हटाए गए अतिथि अध्यापकों को बहाल करें अन्यथा 14 जुलाई को प्रदेशभर में स्कूलों पर ताले लगा दिए जाएंगे। खाप प्रधान नफे सिंह नैन ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पर जमकर निशाने साधे।

महापंचायत में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष जगदीश झींडा, सूबे सिंह समैण सहित विभिन्न खापों के प्रधानों व प्रतिनिधियों ने भाग लिया। महापंचायत में प्रतिनिधियों ने कहा कि अतिथि अध्यापकों को हटाए जाने से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने राज्य सरकार पर पूरे मामले को ठीक ढ़ंग से नहीं देखने व पेश करने का आराेप लगाया।

गेस्ट टीचर नहीे ले रहे कक्षाएं

उधर, 3581 गेस्ट की सेवाएं समाप्त होने से गुस्साए लगभग दस हजार अन्य अतिथि अध्यापक भी स्कूलों में कक्षाएं नहीं ले रहे हैं। दो हजार के आसपास गेस्ट ही स्कूलों में पहुंच रहे हैं। हालत यह है कि चार से पांच हजार स्कूलों में पढ़ाई चौपट हो गई है। वैकल्पिक व्यवस्था न होने से स्कूलों में कई विषयों की कक्षाएं सुचारू रूप से नहीं चल पा रहीं। ड्राइंग शिक्षकों को साइंस व पीटीआइ को गणित की कक्षाएं संभालने का जिम्मा सौंपा गया है।

स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई खराब होने से खाप पंचायतें आग बबूला हैं। बिना सरप्लस हुए ही गेस्ट को हटाने पर जाट महासभा ने भी आंदोलन का समर्थन कर दिया है। हरियाणा जाट सभा के अध्यक्ष प्रदीप हुड्डा कहते हैं कि सरकार ने पंद्रह हजार गेस्ट के परिवारों को सड़क पर ला दिया है। हजारों बच्चों का भविष्य दांव पर है। उन्होंने सर्व खाप पंचायत के साथ विचार-विमर्श के बाद गेस्ट की लड़ाई लडऩे का निर्णय लिया है।

जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए आफत
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई सुचारू रूप से चलाना शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए चुनौती साबित हो रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्क लोड के आधार पर व्यवस्था के निर्देश दिए हैं, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी एक साथ दस हजार गेस्ट के कक्षाएं न लेने से शिक्षकों की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। जुलाई महीने में व्यवस्था पटरी पर आती नहीं दिख रही, चूंकि जेबीटी को भी नियुक्ति अगस्त महीने में ही मिल पाएगी। सबसे अधिक प्रभावित इस समय प्राथमिक शिक्षा ही है, चूंकि 6500 जेबीटी गेस्ट में से 55 सौ आंदोलन छोडऩे को तैयार नहीं हैं।


गेस्ट टीचरों के आंकड़े
कुल अध्यापक : 15, 900 से अधिक
हटाए जा चुके -3581
कक्षाएं नहीं ले रहे- करीब 10 हजार।


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