Lok Sabha Election 2024: ...जब झज्जर सांसद ने सदन में उठाई थी रेलमंत्री से रेलगाड़ी की मांग, पूछे थे ये कड़े सवाल
हरियाणा सहित देशभर में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) होने वाले हैं। संसद के पन्नों से आज हम आपको बताने वाले हैं तीसरी लोकसभा के 15वें सत्र की बात। उस समय जगदेव सिंह सिद्धांती झज्जर लोकसभा (Jhajjar Lok Sabha) का प्रतिनिधित्व करते थे। उन्होंने 2 सितंबर 1966 के दिन रेलमंत्री से सदन में रेलगाड़ी से संबंधित कुछ कड़े सवाल पूछे थे। वो सवाल क्या थे आपको जरूर जानना चाहिए।
अमित पोपली, झज्जर। यह बात हरियाणा गठन (Haryana News) से पहले तीसरी लोकसभा के 15 वें सत्र की है। जब क्षेत्र के लोगों की आवाज बुलंद होकर सदन में गूंजने लगी थी। झज्जर लोकसभा (Jhajjar Lok Sabha) का प्रतिनिधित्व करने वाले जगदेव सिंह सिद्धांती ने 2 सितंबर 1966 के दिन रेलमंत्री से पूछे एक प्रश्न में अपनी नाराजगी जताने के साथ क्षेत्र की प्रमुख मांग एक बार फिर से उठाई थी।
रिकार्ड के हिसाब से उन्होंने कहा, आप बहुत अच्छी प्रकार से इस बात को जानते हैं कि पिछले चार साल से बराबर यह कहा जाता रहा है कि दिन में 11-10 से लेकर पौने पांच बजे तक दिल्ली (Delhi News) और जींद (Jind News) के बीच कोई गाड़ी आप दें। इसके ऊपर न जाने आपके विचार की समाधि कब खुलेगी या खुलेगी भी या नहीं खुलेगी।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, मैं बता देना चाहता हूं कि यह मिल्टिरी एरिया है और बहुत आना जाना पड़ता है । इस नाते भी मैं बहुत ही नम्र निवेदन करूंगा कि इस बीच के समय में एक गाड़ी जींद तक आप लाएंगे तो रेलवे को भी बहुत लाभ होगा और यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी।
1962 से 67 तक के अपने कार्यकाल में सिद्धांती ने दिल्ली से रोहतक व जींद तक रेलगाड़ी चलाए जाने के लिए कई दफा मांग उठाईं। जिस पर उन्हें डा. राम सुभग सिह ने जवाब दिया कि इस पर हम विचार करेंगे ।
देरी से चलने वाली गाड़ी से प्रभावित होते थे सरकारी कर्मचारी
सांसद जगदेव सिंह सिद्धांती (MP Jagdev Singh Sidhanti) ने सत्र के इसी दिन रेलवे मंत्री से सरकारी कर्मचारियों के आवागमन को लेकर होने वाली समस्या को प्रमुखता से उठाया था। लगाए गए प्रश्न में पूछा था।
(l) क्या यह सच है कि कार्यालयों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी दिल्ली और रोहतक के बीच 1-डी. के. एस. और 342-डाउन गाड़ियों से यात्रा करते हैं।
(2) क्या यह भी सच है कि ये दोनों रेलगाड़ियां विलम्ब से चलती हैं।
(3) यदि हां, तो इसके क्या कारण है। क्या इन गाड़ियों को समय सूची के अनुसार चलाने के लिए कोई योजना बनाई गई है। ताकि इन गाड़ियों से यात्रा करने वाले कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंच सकें ?
- जी हां। - अप्रैल से जुलाई, 66 तक । डी के एस और 342 डाउन गाड़ियों के समय की पाबन्दी का विश्लेषण करने से मालूम होता है कि जबकि इनमें से पहली गाड़ी का संकलन बिल्कुल सन्तोषजनक रहा और उसके ठीक समय से चलने का औसत 95 प्रतिशत से अधिक था।
दूसरी (एक अधिक दूरी वाली गाड़ी) 342 डाउन का संचलन फिरोजपुर और दिल्ली के बीच इकहरे लाइन खंड पर नियंत्रण अवरोधों और सिगनल की खराबी के कारण गाड़ियों के पूर्व निश्चितः स्थानों पर मेल न लेने आदि के कारण इतना अच्छा नहीं रहा।
कर्मचारियों के लिए इस आशय के अनुदेश जारी कर दिये गये हैं कि उपनगरी क्षेत्र में इन गाड़ियों के चलाने के लिए अन्य गाड़ियों के ऊपर जिनमें डाक और एक्सप्रेस गाड़ियां भी शामिल हैं, अग्रता दी जाये । गाड़ियों के बेहतर संचलन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और उनका ठीक समय से चलना सुनिश्चित करने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।