जागरण प्रभाव : सामान्य अस्पताल पहुंचे रेबिज से बचाव के टीके
जागरण संवाददाता, झज्जर : स्वास्थ्य विभाग ने जिला सामान्य अस्पताल में रेबिज के बचाव के लिए लगाए जाने
जागरण संवाददाता, झज्जर : स्वास्थ्य विभाग ने जिला सामान्य अस्पताल में रेबिज के बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीके उपलब्ध करवा दिए हैं। कुत्ते व बंदर आदि के काटने से घायल हुए लोगों ने राहत की सांस ली है।
इससे पहले दैनिक जागरण ने 28 मार्च को सामान्य अस्पताल में नहीं रेबिज के टीके शीर्षक से प्रकाशित कर अस्पताल की व्यवस्था को दर्शाया था। गौरतलब है कि सामान्य अस्पताल में 25 मार्च को रेबिज बचाव के टीके खत्म हो गए थे। जब अस्पताल प्रबंध से इस बारे में बात की जाती है तो वह वेयर हाउस में वेक्सिन न आने के बात कह कर अपना पल्लू झाड़ लिया था। एक या दो दिन में टीके आने का आश्वासन देकर लोगों को टाल रहे थे। यह समस्या एक बार नहीं कई बार आ चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग बार-बार आ रही परेशानी के बाद भी इसका समय पर समाधान नहीं किया जा रहा है। सामान्य अस्पताल में हर रोज 20 से 30 मरीज टीके लगवाने के लिए आ रहे हैं। लोगों को बाजार से टीके खरीद कर लगवाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि रेबीज का संक्रमण होने के बाद इसका इलाज संभव नहीं है। इस लिए रेबीज से संक्रमित किसी भी जीव के काटने के बाद जितना जल्दी हो सके वेक्सिन अवश्य लगवानी चाहिए। अगर मुंह व हाथ पर काटा हो तो तुरंत इलाज करवाना चाहिए। क्योंकि हाथ व मुहं के आस पास रेबीज से संक्रमित कुत्ते या बंदर आदि ने काटा हो तो रेबीज के कीटाणु दिमाग तक जल्दी पहुंच जाते हैं। जब भी किसी व्यक्ति को रेबीज से संक्रमित कुत्ता या बंदर काटता है तो शरीर की बारीक नसें कट जाती हैं और रेबीज के कीटाणु उन कटी हुई नशों के माध्यम से दिमाग तक पहुंच जाते हैं। अगर ये कीटाणु दिमाग तक पहुंच गए तो समझो मौत निश्चित है। यह केवल इलाज में लापरवाही के कारण होता है। समय पर पूरा इलाज करवा लिया जाए तो व्यक्ति 100 प्रतिशत रेबीज के संक्रमण से बच जाएगा।
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रेबीज की वेक्सिन की सप्लाई वेयर से नहीं आई थी। इसकी वजह से परेशानी बढ़ गई थी। अब वेयर हाउस से सप्लाई आ चुकी है। मरीजों को टीके लगाने शुरू कर दिए हैं।
-डॉ. मुरारीलाल, एसएमओ, सामान्य अस्पताल, झज्जर।