'मेड इन चाइना' की जगह ले रहा 'मेड इन इंडिया', भारतीय प्रोडक्ट खरीद रहे हैं ग्राहक
बर्तन से लेकर सजावटी सामान, देवी-देवताओ की प्रतिमाओं से लेकर मिठाई व कपड़ों की दुकानों को दुकानदारों ने सामान से भर दिया है।
गुरुग्राम [जेएनएन]। धनतेरस के साथ ही पांच पर्वों के महापर्व दीपावली की शुरुआत हो गई। इसको लेकर बाजारों में रौनक बढ़ गई है। दुकानें भी सज गईं हैं। कोई बर्तन की खरीदारी कर रहा है तो कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान को पसंद कर रहा है। बर्तन से लेकर सजावटी सामान, देवी-देवताओ की प्रतिमाओं से लेकर मिठाई व कपड़ों की दुकानों को दुकानदारों ने सामान से भर दिया है।
मार्ट से लेकर छोटे दुकानदार व रेहड़ी लगाने वालों ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दुकानों पर सामान को सजा रखा है। लेकिन इस बार खरीदारी में जो खास है वह है ग्राहकों का चीनी सामानों से विमुख होना। केवल बिजली की लड़ियों और बिजली वाले कुछ सजावटी सामान में चीनी सामान का वर्चस्व कायम है, जबकि लटकन, सजावटी सामान से लेकर दिवाली के पटाखे चलाने वाली पिस्तौल, मोमबत्तियां और खिलौने सब भारत निर्मित बिक रहे हैं।
अभियान का दिख रहा प्रभाव
सेक्टर-29 स्थित गैलेरिया मार्केट में सजावटी सामानों के थोक विक्रेता राजीव कांत ने बताया कि भारत के प्रति चीन के रवैये का असर चीनी सामान पर पड़ा है। साथ ही संस्थाओं द्वारा चलाए गए स्वदेशी अभियान का भी प्रभाव पड़ा है। पहले जो फ्लोटिंग, सुगंधित व अन्य प्रकार की मोमबत्तियां चीन की होती थीं अब वह भारतीय ही आ रही हैं। इसी तरह खिलौने, सजावट का सामान भी भारत द्वारा निर्मित है। केवल बिजली की लड़ियां और बिजली वाला सजावटी सामान चीन निर्मित है। ग्राहक भी भारतीय सामान को खरीदने में तरजीह दे रहे हैं।
हस्तनिर्मित सामानों में दिख रही दिलचस्पी
इस बार ग्राहक चीनी सजावटी सामान के बजाए देशी लाइट्स की मांग कर रहे हैं। साथ ही हस्तनिर्मित सामानों की मांग भी जोरों पर है। सेक्टर-52, वजीराबाद और सुशांत लोक जैसे रिहायशी इलाकों में मिट्टी के दीये बेचने वालों ने बताया कि पिछले साल की तुलना इस बार ज्यादा ग्राहक आ रहे हैं। मिट्टी के दीये के साथ-साथ मिट्टी के अन्य बर्तनों की बिक्री भी खूब हो रही है।
यह भी पढ़ें: चीन के माल से हो रहा है लोगों का मोहभंग, जानें- क्या है बाजार का हाल
यह भी पढ़ें: जानिए, ड्रैगन को कैसे लगा जोर का झटका, नहीं काम आया नया पैंतरा