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ग्रेटर फरीदाबाद में बिल्डर की मनमानी

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: ग्रेटर फरीदाबाद में बिल्डर की मनमानी का एक मामला सामने आया है। भविष्य

By Edited By: Published: Wed, 24 Jun 2015 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2015 07:52 PM (IST)
ग्रेटर फरीदाबाद में बिल्डर की मनमानी

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद:

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ग्रेटर फरीदाबाद में बिल्डर की मनमानी का एक मामला सामने आया है। भविष्य में रजिस्ट्री पर वैट लगने की संभावना के मद्देनजर बिल्डर पहले ही लोगों से वैट के पैसे वसूलना चाहता है। एक बिल्डर ने ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-88 में विकसित हो रही एक सोसायटी में रजिस्ट्री के नजदीक पहुंच चुके निर्माणों के निवेशकों को लेटर लिखकर एक एफडी कराने के लिए कहा है।

बिल्डर का कहना है कि सरकार भविष्य में रजिस्ट्री पर वैट लगा सकती है। ऐसे में निवेशकों को मकान की कीमत के 4 प्रतिशत के हिसाब से तीन साल की एफडी करानी पड़ेगी, जिसमें बिल्डर को साझीदार बनाना होगा। अगर सरकार वैट बढ़ाती है, तो बिल्डर उस एफडी से अपना हिस्सा निकाल लेगा। लेकिन निवेशकों को इस बात से एतराज है। निवेशकों का कहना है कि इस विषय में बिल्डर ने एग्रीमेंट में कोई जिक्र नहीं किया है। उन्होंने ने रजिस्ट्री की पेमेंट और अन्य शुल्क बिल्डर को दे दिए हैं। एक खरीदार अनिल का कहना है कि उनका फ्लैट रजिस्ट्री के नजदीक पहुंच गया है। बिल्डर का कहना है कि जब तक एफडी नहीं कराएंगे, रजिस्ट्री नहीं मिलेगी। पजेशन में देरी होने पर पेनल्टी देनी होती है। अगर हमसे एफडी मांग रहे हैं, तो पहले बिल्डर को भी पेनल्टी की एफडी करानी चाहिए थी।

नहीं दिया प्लाट का पजेशन :

एक अन्य मामले में सेक्टर-22 निवासी सुनील कुमार ने बिल्डर के खिलाफ सीएम ¨वडो पर शिकायत की है। सुनील 1990 में राष्ट्रपति स्काउट पुरस्कार सम्मानित हैं। उनका कहना है कि उन्होंने 2008 में ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-83 स्थित एक सोसायटी में 317 वर्गगज का एक प्लाट खरीदा। इस प्लाट का पजेशन नियमानुसार तीन साल के अंदर मिलना था, लेकिन 95 फीसदी रकम अदा करने के बाद भी कंपनी ने प्लाट नहीं दिया। बार-बार ईमेल करने पर भी कोई फायदा नहीं हो रहा। उनका कहना है कि एलआइसी हाउ¨सग लोन से कर्ज लेकर इस प्लाट का पैसा अदा किया था, जिसकी ईएमआइ हर माह देनी पड़ रही है।


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