छत्तीसगढ़ की लोक कलाकरों ने जमाया रंग
एफआरडी 38 का कैप्शन : सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के दौरान नाट्यशाला में आयोजित होने वाले
एफआरडी 38 का कैप्शन : सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के दौरान नाट्यशाला में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दीप प्रज्ज्वलित करके शुभारंभ करती पंडवानी गायिका पद्मश्री व पद्मभूषण तीजन बाई। उनके साथ खड़ी हैं सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की मुख्य प्रशासक सुमिता मिश्रा व छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के प्रबंध निदेशक संतोष मिश्रा।
एफआरडी 38 ए व 38 बी : नाट्यशाला में प्रस्तुति देती कथक नृत्यांगना अन्नू सिन्हा व उनका ग्रुप
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद:
सूरजकुंड मेले में पहले दिन नाट्यशाला में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने रंग जमा दिया। दर्शकों ने उनकी प्रस्तुति पर जमकर तालियां बजाई।
कार्यक्रम का शुभारंभ पंडवानी गायिका पद्मश्री व पद्मभूषण तीजन बाई ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। उनके साथ सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की मुख्य प्रशासक सुमिता मिश्रा व छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के प्रबंध निदेशक संतोष मिश्रा भी मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरूआत में कथक नृत्यांगना अन्नू सिंहा व उनके ग्रुप ने प्रस्तुति दी। इसके बाद बस्तर, छत्तीसगढ़ से आए अनूप रंजन पांडे ग्रुप ने बस्तर की लोक धुनों का प्रस्तुत किया। रंग छत्तीसा ग्रुप की पूनम तिवारी व उनके साथियों ने करमा व ददरिया लोक नृत्य प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए गीत प्रस्तुत किया धरती बिना आकाश नहीं है, शिक्षा बिना विकास नहीं है। इस पर दर्शकों ने जमकर तालियां बजाई। इसके अलावा उन्होंने छत्तीसगढ़ का बखान करते हुए भी लोक गीत व लोक नृत्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के अंत में पंडवानी गायिका पद्मश्री व पद्मभूषण तीजन बाई ने प्रस्तुति दी। दुशासन वध की गाथा प्रस्तुत की। दर्शकों ने उनकी प्रस्तुति पर जमकर तालियां बजाई। इस दौरान दर्शकों ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाई।
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बदला नाट्यशाला का स्थान
मेला प्राधिकरण ने नाट्यशाला का स्थान बदल दिया है। पहले नाट्यशाला के कार्यक्रम मेला परिसर के बाहर होते थे। मगर अब इस बार से ये कार्यक्रम मेला परिसर के अंदर चौपाल पर ही आयोजित किए जा रहे हैं।