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ग्रेटर फरीदाबाद में मास्टर रोड निर्माण को मिलेगी गति

By Edited By: Published: Wed, 08 May 2013 01:35 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2013 01:37 AM (IST)
ग्रेटर फरीदाबाद में मास्टर रोड निर्माण को मिलेगी गति

जागरण संवाद केंद्र, फरीदाबाद: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने आखिर किसानों से काफी जदोजहद के बाद पुलिस बल की मौजूदगी में ग्रेटर फरीदाबाद में मास्टर रोड के निर्माण के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि पर कब्जा ले लिया। हालांकि, किसानों ने हुडा अधिकारियों का डटकर विरोध भी किया, लेकिन पुलिस बल के सामने किसानों की एक न चल सकी। कब्जा लेने के बाद हुडा अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।

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हुडा ने नहरपार मास्टर रोड व नए सेक्टर विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण की थी। कम मुआवजा होने के कारण किसानों ने हुडा व प्रदेश सरकार का विरोध करते हुए मुआवजा नहीं उठाया। बाद में सरकार के अड़ियल रवैये को देखते हुए अधिकांश किसानों ने मुआवजा उठा लिया, लेकिन काफी किसान ऐसे भी हैं, जिन्होंने आज तक मुआवजा नहीं उठाया और न ही अपनी भूमि का कब्जा दिया। कई बार हुडा द्वारा कब्जा लेने के भरसक प्रयास किए गए, लेकिन नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शिवदत्ता वशिष्ठ के नेतृत्व में किसानों ने अधिकारियों का विरोध कर कब्जा नहीं दिया। मंगलवार को संपदा अधिकारी अरविंद मल्हान, कार्यकारी अभियंता सतपाल सिंह दहिया, हुडा के भूमि अर्जन अधिकारी राजेंद्र सिंह, एसडीओ राजीव शर्मा, एसडीओ सर्वे अजीत सिंह सेक्टर-80 गांव प्रहलादपुर के रकबे में पहुंच गए। थाना सेंट्रल प्रभारी विजय कुमार यादव की अगुवाई में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। हुडा अधिकारियों ने कब्जा लेना शुरू किया। इसी बीच शिवदत्ता वशिष्ठ, वीरपाल गुर्जर व कुछ किसानों ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी रुकवा दी। हुडा अधिकारियों ने किसानों को समझाया, लेकिन किसानों ने उनकी एक न सुनी।

शिवदत्ता वशिष्ठ ने अधिकारियों से कहा कि जब तक किसानों को अधिग्रहण भूमि का उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक कब्जा नहीं दिया जाएगा। किसानों ने लैंड पुलिंग स्कीम में भी शामिल करने की मांग अधिकारियों के समक्ष रखी, लेकिन अधिकारियों ने किसानों से कहा कि यह मामला उच्च न्यायालय में है, इसलिए मुआवजा बढ़ाना ना बढ़ाना उच्च न्यायालय पर निर्भर है। अधिकारियों ने पुलिस फोर्स के बलबूते 500 मीटर भूमि पर कब्जा ले लिया। 500 मीटर में तोरई का खेत भी जोता गया और एक शराब का ठेका हटाया गया। पुलिस ने विरोध कर रहे दो युवकों को हिरासत में लिया। इसके बाद किसान जिला उपायुक्त बलराज सिंह से मिले। उपायुक्त ने किसानों की बात को सुनकर उचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया। अब किसान इस मसले को लेकर जल्द ही पंचायत करने वाले है। पंचायत में किसानों की राय जानी जाएगी कि आगे लड़नी है या नहीं।

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