मेरे पिता तो रोजाना मेरा रेप करते हैं, छात्रा का टीचर को पत्र
टीचर, आप लोग बाल शोषण की बात कर रहे हैं, लेकिन ऐसा तो मेरे साथ रोजाना और रात-दिन होता है। मेरा रेप कोई और नहीं, बल्कि मेरे पिता ही करते हैं।
सूरत। टीचर, आप लोग बाल शोषण की बात कर रहे हैं, लेकिन ऐसा तो मेरे साथ रोजाना और रात-दिन होता है। मेरा रेप कोई और नहीं, बल्कि मेरे पिता ही करते हैं। मैं ये बात किसी को बता नहीं सकती, नहीं तो मेरी मां और भाई-बहन का क्या होगा..ये शब्द सूरत की एक नाबालिग छात्रा के हैं, जिसने यह बात पत्र लिखकर अपनी स्कूल की शिक्षिका को बताई।
सूरत के एक स्लम एरिया में स्थित स्कूल में पढऩे वाली इस छात्रा की स्थिति से साफ है कि अब बेटियां घर के बाहर ही नहीं, बल्कि घर के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं। यह घटना बताती है कि बेटियों के लिए चलाए जा रहे 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे कई मिशन को सफल बनाने के लिए पहले समाज की विकृत मानसिकता को बदलना जरूरी है।
इस बारे में स्कूल की शिक्षिका कविताबेन बताती हैं कि गत वर्ष स्कूल में बाल शोषण के संदर्भ में जागृति अभियान चलाया गया था। लगभग दो घंटे के कार्यक्रम के बाद एक छात्रा ने मुझे चुपके से एक पत्र दी और घर चली गई। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि सिर्फ 12 वर्षीय मासूस ऐसा गंभीर पत्र लिखकर अपनी व्यथा व्यक्त कर सकती है। लेकिन यह एक कड़वी हकीकत थी। वह सबकुछ सह रही थी और इसके बाद भी उसे चिंता थी तो अपनी मां और भाई-बहन के भविष्य की। और वह कुछ कहती भी कैसे, क्योंकि उसके साथ जो भी गलत हो रहा था उसे अंजाम देने वाला कोई और नहीं, बल्कि उसका ही अपना पिता था।