सभी की जुबान पर आइसलैंड का नाम
यूरो 2016 के आखिरी प्रीक्वार्टर फाइनल मैच में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला। क्वार्टर फाइनल में एक टीम ऐसी पहुंची है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।
(डिएगो मैराडोना का कॉलम)
यूरो 2016 के आखिरी प्रीक्वार्टर फाइनल मैच में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला। क्वार्टर फाइनल में एक टीम ऐसी पहुंची है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। पुर्तगाल-पोलैंड मैच से पहले मैं इंग्लैंड को हराने वाली आइसलैंड टीम को बधाई देना चाहूंगा।
यह बिल्कुल भी उलटफेर नहीं लगा। आइसलैंड ने पूरे मैच के दौरान पकड़ बनाए रखी। इंग्लैंड की टीम को लेकर हमेशा ही बड़ी बातें की जाती हैं, जबकि उनमें इतनी योग्यता नहीं है। हालांकि अगर आइसलैंड की टीम फ्रांस को हरा देती है, तो मुझे जरूर हैरानी होगी। इस छोटे से देश का नाम फिलहाल सभी की जुबान पर है।
पुर्तगाल-पोलैंड मैच को लेवानदोस्की और रोनाल्डो के बीच मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है। पोलैंड का खेल यूरोपीय टीमों जैसा है। उनके खिलाफ चार मैचों में अब तक सिर्फ एक ही गोल हुआ है, वो भी साइकिल किक से। उनका मजबूत पक्ष सिर्फ डिफेंस ही नहीं है। पोलैंड के कोच एडम नावाल्का लेवानदोस्की और मिलिक को एक साथ उतारने में घबरा नहीं रहे हैं। इससे वे और भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। जर्मनी के खिलाफ उनके प्रदर्शन से साफ हो गया कि वे रणनीति को मैदान में भी बेहतर ढंग से उतारते हैं।
पुर्तगाल की टीम टुकड़ों में खतरनाक दिख रही है। हालांकि क्रोएशिया के खिलाफ उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उस मैच में 120 मिनट तक कोई भूमिका नहीं निभाने के बाद रोनाल्डो के अंतिम क्षणों के प्रदर्शन से उन पर टीम का भरोसा कायम रहा होगा। कोच फनरंडो सांतोस के लिए अहम होगा कि वह ज्यादा से ज्यादा खिलाडि़यों को विपक्षी टीम को रोकने के लिए लगाएं। पुर्तगाल को क्रोएशिया के खिलाफ मैच की तरह इस बार भी अपनी योजना पर टिके रहना होगा, क्योंकि पोलैंड जवाबी हमला करने में सक्षम है। अगर पोलैंड को जगह नहीं मिलती है, तो पुर्तगाल का पलड़ा भारी होगा क्योंकि उनके पास रोनाल्डो और नानी हैं।
मैं पहले ही कह चुका हूं कि मिडफील्ड में चार खिलाडि़यों की मौजूदगी से पोलैंड का डिफेंस मजबूत है। वे एक-दूसरे के करीब खेलते हैं और हमला करने में समय बर्बाद नहीं करते। पिछले मैच में पुर्तगाल ने भी ऐसा ही किया। इसलिए मुझे लगता है कि यह मैच काफी करीबी रहेगा। यह मैच 90 मिनट से भी ज्यादा खिंच सकता है।
हम स्पेन के सुनहरे युग के अंत के गवाह बने हैं। विश्व कप 2014 के बाद से ही इसकी उम्मीद थी। हालांकि उन्हें देखना रोचक रहा। अब उन्हें नई शुरुआत करनी होगी। स्पेन की हार से इटली की वापसी मुमकिन हुई।
(पीएमजी)