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रिजर्व बैंक तय करेगा शेयर बाजार की चाल

इस हफ्ते पूरे बाजार की नजर रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की तरफ है। खासतौर पर शार्ट टर्म के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दर में कम से कम 0.25 फीसद कमी की उम्मीद की जा रही है। आरबीआइ मंगलवार को पेश होने वाली मौद्रिक

By Edited By: Published: Mon, 28 Sep 2015 09:12 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2015 10:02 AM (IST)

इस हफ्ते पूरे बाजार की नजर रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की तरफ है। खासतौर पर शार्ट टर्म के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक की ओर से ब्याज दर में कम से कम 0.25 फीसद कमी की उम्मीद की जा रही है। आरबीआइ मंगलवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में यह कटौती कर सकता है। चूंकि अब अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि की उम्मीद इस साल के अंत तक टल गई है, लिहाजा रिजर्व बैंक के लिए ऐसा करना आसान हो गया है। हमें लगता है कि बाजार में काफी हद तक सुधार हो चुका है। लंबी अवधि का रुख रखने वाले निवेशकों के लिए बाजार में बढ़िया कीमत पर शेयर उपलब्ध हैं।

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अभी तक बाजार में घबराहट चीन व अमेरिकी फेडरल रिजर्व को लेकर थी। थामसन रायटर के बिजनेस सेंटीमेंट के ताजा आंकड़ों ने चीन में फिर विश्वास जताया है। हालांकि इस सर्वे में लोगों की भागीदारी पहले के मुकाबले कम रही है। ब्राजील का केंद्रीय बैंक भी मंदी की रोकथाम के लिए गंभीरता से प्रयास करने में जुटा है। इसलिए ब्रिक देशों में थोड़े समय की दिक्कत के बाद तेज सुधार की गुंजाइश भी दिख रही है। अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी आएंगे। हालांकि इनकी रफ्तार कुछ धीमी रहने की आशंका है।

लेकिन अगर आंकड़े एक से सवा फीसद वृद्धि का सकारात्मक ट्रेंड दिखाते हैं तो बाजार उनका स्वागत करने से नहीं चूकेगा। फॉक्सवैगन के मामले ने भी बाजार के भरोसे को चोट पहुंचाई है। घरेलू बाजार में इसका सबसे ज्यादा नुकसान मदरसन सुमी को उठाना पड़ रहा है। अगर अगली कुछ तिमाहियों में चीन की तरफ से आने वाली आशंकाएं दूर हो जाती हैं तो इसका फायदा टाटा मोटर्स को होगा। उम्मीद है कि घरेलू स्तर पर त्योहारी सीजन और चीन से आने वाली मांग में वृद्धि कंपनी की आमदनी में इजाफा करेगी।

संभावना है कि अगली दो तिमाहियों में सार्वजनिक व निजी दोनों तरह की कंपनियों की तरफ से पूंजी निवेश में वृद्धि होगी। निर्यात व बुनियादी ढांचागत उद्योग में होने वाला निवेश बढ़ने की उम्मीद है। अगर बिहार चुनाव के नतीजे राजग के पक्ष में रहते हैं तो राज्यसभा में सरकार की संख्या में वृद्धि की उम्मीद बढ़ेगी। ऐसे में बाजार बिहार विधानसभा चुनाव के ऐसे नतीजों का स्वागत करेगा और नवंबर में तेजी का माहौल बना रह सकता है।

जहां तक अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिलने वाले संकेतों का सवाल है, अमेरिका में ब्याज दरों के परिदृश्य को लेकर दो प्रमुख संबोधन इस सप्ताह होने हैं। साथ ही, पीएमआइ डाटा भी जारी होगा। चीन की तरफ से पहली बार कोशिश होगी कि युआन के संबंध में कोई झटका न मिले। इन संकेतो से बाजार में इस सप्ताह तेजी का रुख बने रहने की उम्मीद है। हाल की गिरावट ने लंबी अवधि की सोच रखने वाले निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने का अच्छा मौका दिया है।

-संदीप पारवाल
एमडी
एसपीए
कैपिटल्स

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