फिल्म रिव्यू: स्पेक्टर (3 स्टार)
डेनियल क्रेग के लिए चौथी और बॉन्ड सीरीज की ये 24वीं फिल्म है। साल 2006 में आई 'केसिनो रॉयल' के बाद आई 'स्कायफॉल'। अब हमारे बीच है 'स्पेक्टर'। फिल्म संतोषजनक है। कारण ये है कि एक बार फिर कुछ नया दर्शकों को देखने को मिलेगा। इस बार बॉन्ड सीरीज में
प्रमुख कलाकारः डेनियल क्रेग, मोनिका बेलूची, क्रिस्टोफर वॉल्ट्ज
निर्देशकः सैम मेंडस
स्टारः 3
डेनियल क्रेग के लिए चौथी और बॉन्ड सीरीज की ये 24वीं फिल्म है। साल 2006 में आई 'केसिनो रॉयल' के बाद आई 'स्कायफॉल'। अब हमारे बीच है 'स्पेक्टर'। फिल्म संतोषजनक है। कारण ये है कि एक बार फिर कुछ नया दर्शकों को देखने को मिलेगा। इस बार बॉन्ड सीरीज में अजीब तालमेल देखने को मिला है।
पचास साल की मोनिका बेलूची है तो बीस साल की लिया सेडॉक्स भी। बॉन्ड इन दोनों ही सुंदरियों के बीच एक्शन और इमोशन के साथ आगे बढ़ता दिखता है। बावजूद इसके बॉन्ड नई जनरेशन को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब है।इस फिल्म में बॉन्ड ने भी कोशिश की है कि अपने पुराने घटनाक्रम से आगे बढ़ते हुए कुछ नया करें। 'स्पेक्टर' से आशय है 'स्पेशल एक्जीक्यूटिव फॉर काउंटर इंटीलिजेंस, टेररिज्म, रिवेंज और एक्सटॉर्शन' है।
ये फिल्म पारंपरिक 'आइरिस' सीक्वेंस के साथ शुरू होती है। थ्रिलिंग एक्शन सीक्वेंस नजर आते हैं। कुछ इंटेस सीन सामने आते हैं। बॉन्ड का पीछा करता हुआ सीन जिसमें मैक्सिकन प्लाजा नजर आता है। यह बात ही उम्मीदों से भर देती है। मगर इसके बाद ऐसा कुछ भी नहीं होता जो बहुत ज्यादा आकर्षित कर दें। बॉन्ड यहां पर भी हाई-फाई लक्झरी एसेसरीज से लेस नजर आता है। मगर यह बातें नाकाफी है थ्रिल पैदा करने के लिए। एक्शन-सीक्वेंस से बात बनती है मगर गति नहीं पकड़ती।
फ्रेंचाइजी की जड़े यहां पर देखने को मिलती है। बॉन्ड यहां पर ज्यादा रोमांटिक नजर आता है। वो प्यार भी करता है। फिल्म अपनी ही इमेज से बाहर आने की कोशिश करती नजर आती है। क्रेग ने अपने बूते एक स्टैंडर सेट किया है। 'स्कायफाल' में यह नजर भी आता है। मगर यहां वो कुछ कमजोर है। फिल्म में से इमोशनल अटैचमेंट नदारद हैं। एक्शन जरूर ना भूलने वाला सीक्वेंस है क्योंकि ये कमाल का है।
फिल्म में लिया सेडॉक्स और मोनिका बेलूची ने सेंसुअलिटी को नया एंगल दिया है। सैम स्मिथ का सॉन्ग ठीक से फिट नहीं बैठता। जहां तक सवाल फिल्म के इफेक्ट का है तो यह प्लॉट कुछ ज्यादा ही बड़ा हो गया है। इसी कारण फिल्म भी कुछ लंबी लगती है। यह बॉन्ड कुछ ऐसा लगता है मानो जवानों के बीच अपनी बढ़ती उम्र के साथ लड़ाई लड़ रहा हो।