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फिल्म रिव्यू: ढिश्क्याऊं (2 स्टार)

शिल्पा शेट्टी होम प्रोडक्शन की पहली फिल्म 'ढिश्क्याऊं' पूरी तरह से क्राइम और एक्शन पर टिकी है। सनमजीत सिंह तलवार के लेखन-निर्देशन में बनी यह फिल्म मुंबई के अंडरव‌र्ल्ड को

By Edited By: Published: Fri, 28 Mar 2014 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 28 Mar 2014 03:46 PM (IST)
फिल्म रिव्यू: ढिश्क्याऊं (2 स्टार)

मुंबई (अजय ब्रह्मात्मज)।

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प्रमुख कलाकार: हरमन बवेजा, शिल्पा शेट्टी और सनी देओल।

निर्देशक: सनमजीत सिंह तलवार।

संगीतकार: पलाश मुच्छल।

स्टार: 2

शिल्पा शेट्टी होम प्रोडक्शन की पहली फिल्म 'ढिश्क्याऊं' पूरी तरह से क्राइम और एक्शन पर टिकी है। सनमजीत सिंह तलवार के लेखन-निर्देशन में बनी यह फिल्म मुंबई के अंडरव‌र्ल्ड को एक नए अंदाज में पेश करने की कोशिश करती है। इस बार अंडरव‌र्ल्ड को सरगना हमेशा की तरह कोई मुंबईकर नहीं है। अमूमन हम देखते रहे हैं कि सारी लड़ाई मुंबई के खास संप्रदायों से आए अपराधियों के बीच होती है।

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आदर्शवादी पिता के साथ रहते हुए विकी घुटन महसूस करता है। हमेशा महात्मा गांधी की दुहाई देने वाले विकी के पिता की सलाहों को अनसुना कर अपराधियों की राह चुन लेता है। बचपन की चंद घटनाओं से उसे एहसास होता है कि यह वक्त आदर्शो पर चलने का नहीं है। वह बचपन से ही गैंगस्टर बनना चाहता है। बचपन में ही उसकी मुलाकात अपराधी टोनी से होती है। टोनी पहली शिक्षा सही देता है कि कोई मारे तो उसे पलट कर मारो। इस शिक्षा पर अमल करने के साथ ही विकी खुद में तब्दीली पाता हे। टोनी उसके बारे में कहता ही है कि वह ऐसा छर्रा है, जो ट्रिगर दबाने पर कारतूस बन कर निकलेगा।

'ढिश्क्याऊं' एक भटके हुए युवक के सपनों के साथ दोस्ती की भी कहानी है। दोस्ती में पड़ गई फांक का अंजाम खतरनाक और जानलेवा हो सकता है। 'ढिश्क्याऊं' में अपराध की रहस्य कथा बुनती है। इस कथा में टोनी, गुजर, रॉकी, खलीफा ओर लकवा हैं। लेखक-निर्देशक ने इस रहस्य कथा का रोचक शिल्प नहीं चुना है। हर बार लकवा और विकी के संवाद से नए दृश्य आरंभ होते हैं,जो कुछ दृश्यों के बाद रोचक नहीं रह जाते। हालांकि लकवा के किरदार की वजह से दिलचस्पी बनी रहती है।

विकी कारतूस की भूमिका में हरमन बावेजा ने पिछली छवि को तोड़ते हुए रफ और टफ गैंगस्टर को आत्मसात करने का भरसक प्रयास किया है। कुछ दृश्यों में वे इस तब्दीली के प्रति आश्वस्त भी करते हैं, लेकिन हीरो इमेज के लिए कथित रूप से जरूरी गाने और रोमांस की पैबंद से अंतिम प्रभाव कमजोर होता है। टोनी और रॉकी की भूमिका में प्रशांत नारायण और आनंद तिवारी ने भरपूर योगदान किया है। सनी देओल अपने हिस्से की जिम्मेदारी बखूबी निभाते हैं। उनकी वजह से 'ढिश्क्याऊं' की रोचकता बढ़ जाती है। इस फिल्म के स्टार वैल्यू सनी देओल ही हैं। मुख्य विलेन की भूमिका में सुमित निझावन प्रभावी लगे हैं।

फिल्म में संवादों और संवाद अदायगी पर विशेष ध्यान दिया गया है। आम दर्शकों को ये संवाद पसंद आ सकते हैं।

अवधि- 119 मिनट


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