Move to Jagran APP

फिल्‍म रिव्‍यू : द वॉटर डिवाइनर (2.5 स्टार)

किसी अभिनेता का निर्देशन के क्षेत्र में जाना कभी सरल नहीं होता है। ऐसा ही हुआ है रसेल क्रो की इस फिल्म के साथ। पुराने जमाने के कलाकार ने निर्देशक की कुर्सी संभालने के माध्यम से एक प्रयासभर किया है, ताकि अपनी स्थिति को सुधार सके। लेकिन फिल्म को क्रिटिकली

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 07:43 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2015 10:50 AM (IST)
फिल्‍म रिव्‍यू : द वॉटर डिवाइनर (2.5 स्टार)

जॉनर- ए ड्रामा वार
डायरेक्टर- रसेल क्रो
कास्ट- रसेल क्रो, ओल्गा कर्लेन्को

loksabha election banner

स्टार - 2.5 स्टार

किसी अभिनेता का निर्देशन के क्षेत्र में जाना कभी सरल नहीं होता है। ऐसा ही हुआ है रसेल क्रो की इस फिल्म के साथ। पुराने जमाने के कलाकार ने निर्देशक की कुर्सी संभालने के माध्यम से एक प्रयासभर किया है, ताकि अपनी स्थिति को सुधार सके। लेकिन फिल्म को क्रिटिकली और फाइनेंशियली इतना लाभ नहीं पहुंचा है।

हालांकि इसके पहले उन्होंने बेन अफलेक के साथ काम किया। एक के बाद एक तीन फिल्में की। तीनों को ही सराहा गया। इस बात से उनके करियर में कुछ संतुलन भी आया। शायद रसेल की इच्छा भी इसी सफलता को दोहराने की रही होगी।

रसेल क्रो के करियर को उस समय उड़ान मिली थी, जब उन्हें 'ए ब्यूटीफुल माइंड' के लिए ऑस्कर में बेस्ट एक्टर के लिए नॉमिनेट किया गया था। मगर इसके बाद उनके करियर में चढ़ाव कम और उतार ज्यादा आए हैं। उनकी यादगार फिल्मों में केवल 'स्टेट ऑफ प्ले' शामिल है जिसमें उनके साथी थे अफलेक। फिल्म 'द वाटर डिवाइनर' के साथ रसेल ने डायरेक्शन का जिम्मा संभाला है। इसका रिजल्ट मिला-जुला रहा है।

कहानी
फिल्म 'द वाटर डिवाइनर' कहानी है एक ऑस्ट्रेलियन आदमी की जिसका नाम है कोनॉर। उसके तीन बेटों की मृत्यु पहले विश्वयुद्ध में हो चुकी है। अपने बेटों की डेडबॉडी को देख उसकी पत्नी भी मर जाती है। इन तमाम बातों का सामना करने में जूझता आदमी है कोनॉर। इसके अलावा वो होटल मालिक ओल्गा कुर्लेन्को और मैजर से मदद भी लेता है। यह बात सही है कि रसेल क्रो ने इससे पहले बहुत मंजे हुए लोगों के साथ काम किया है मगर इस फिल्म में उनका डायरेक्शन देखकर लगता है कि कई बार चीजे वास्तविक होने के बजाए बनावटी हो गई हैं।

नहीं करती प्रभावित

फिल्म में कुछ अच्छे दृश्य देखने को मिलते हैं। मगर यह बात भी खलती है कि रसेल ने अपने किरदार को इतना अंडरप्ले कर दिया है कि उसकी जगह ही नहीं बन पाती। फिल्म का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह फिल्म आपको प्रभावित नहीं कर पाती, क्योंकि किरदारों ने जो इमोशनल रोल प्ले किए हैं वो भी बहुत ज्यादा प्रभाव डालने वाले नहीं है। एक्टिंग बहुत सारे सीन में एकदम फ्लेट है। इसके कारण किसी पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

अन्य फिल्मों का रिव्यू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.