प्रसिद्ध अभिनेत्री व रंगकर्मी सुलभा देशपांडे का निधन
हिंदी और मराठी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री सुलभा देशपांडे का शनिवार को 79 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
मुंबई। हिंदी और मराठी सिनेमा की प्रसिद्ध व वरिष्ठ अभिनेत्री सुलभा देशपांडे का शनिवार को निधन हो गया। मुंबई स्थित घर पर उन्होंने अपनी आखिरी सांसें लीं। देशपांडे लंबे समय से बीमार चल रही थीं। वे 79 साल की थीं। फिल्मों के अलावा वह थियेटर और छोटे पर्दे पर भी समान रूप से सक्रिय थीं।
उन्होंने मराठी और हिंदी रंगमंच के अलावा मराठी और हिंदी की कई फिल्मों में भी काम किया। इनमें तमन्ना, विरासत, याराना, खून भरी मांग और इंग्लिश विंग्लिश जैसी कई सफल फिल्मों के नाम शामिल हैं।
हिंदी-मराठी रंगमंच में उल्लेखनीय योगदान के लिए उनको वर्ष 1987 में संगीत-नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। सिनेमा और कला जगत से जुड़े कई लोगों ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है।
सुलभा पहले दादर स्थित छबीलदास उच्च विद्यालय में शिक्षक थीं। पिछली सदी के छठे दशक में उन्होंने प्रसिद्ध लेखक और रंग निर्देशक विजय तेंदुलकर से बच्चों के लिए नाटक लिखने का अनुरोध किया। तेंदुलकर उन दिनों विजय मेहता, श्रीराम लागू और अरविंद देशपांडे के साथ रंगमंच में प्रयोगवादी आंदोलन चला रहे थे।
सुलभा भी इस आंदोलन में शामिल हो गईं और इस तरह उनका थियेटर कलाकार के रूप में कैरियर शुरू हुआ। आने वाले वर्षों में उन्होंने दर्जनों फिल्मों में भी काम किया। सुलभा ने बाद में अरविंद देशपांडे से शादी कर ली। 1971 में पति के साथ मिलकर उन्होंने आविष्कार थियेटर की स्थापना की।
प्रमुख भूमिकाएं
- सुलभा देशपांडे ने भूमिका, गमन, अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है, विजेता, विरासत, इंग्लिश विंग्लिस, अरविंद देसाई की अजीब दास्तां, चौकट राजा, जैत रे जैत और आदमी खिलौना है जैसी फिल्मों में काम किया था।
- मराठी नाटक शांतता! कोर्ट चालू आहे, सखाराम बाइंडर और बाबा हरवाले आहेट उनके प्रसिद्ध नाटक हैं।
- रिश्ते, बदलते रिश्ते, तन्हा और मिसेज तेंदुलकर जैसे टीवी सीरियलों में भी उन्होंने काम किया। छोटे परदे पर अंतिम बार उनको अस्मिता सीरियल में देखा गया था।