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ऋण न चुकाने पर सुप्रीम कोर्ट ने की राजपाल यादव की खिंचाई

शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में राजपाल यादव का आचरण 'समझ से परे' है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Mon, 25 Jul 2016 06:59 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 07:05 PM (IST)

नई दिल्ली, पीटीआई। अदालत के समक्ष शपथ लेने के बावजूद दिल्ली के एक कारोबारी से लिया ऋण नहीं चुकाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बॉलीवुड कलाकार राजपाल यादव की जमकर खिंचाई की। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में उनका आचरण 'समझ से परे' है।

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जस्टिस कुरियन जोसेफ और आरएफ नरीमन की पीठ ने कहा कि आपने अदालत को कमतर करके आंका है। आपके जैसे लोगों को तो जेल जाना चाहिए। आपने एक के बाद एक शपथपत्र दिए, लेकिन फिर भी धनराशि का भुगतान नहीं किया। हम आपको कानून की गरिमा का भान कराएंगे। दिल्ली हाईकोर्ट के तीन जून के आदेश के खिलाफ दायर राजपाल यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही था। दिल्ली हाईकोर्ट ने राजपाल को 15 जुलाई तक तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करके बाकी बची छह दिन की सजा भुगतने का आदेश दिया था। उन्हें यह सजा 2013 में अदालत में झूठा हलफनामा दाखिल करने के जुर्म में सुनाई गई थी।

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तीन दिसंबर, 2013 से छह दिसंबर 2013 तक राजपाल चार दिन जेल में बिता चुके हैं, इसके बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने उनकी अपील पर सजा निलंबित कर दी थी। बता दें कि दिल्ली के एक कारोबारी एमजी अग्रवाल ने राजपाल और उनकी पत्नी के खिलाफ पांच करोड़ रुपये के ऋण की वसूली के लिए याचिका दाखिल की थी। उन्होंने यह ऋण 2010 में 'अता पता लापता' नामक फिल्म बनाने के लिए लिया था।


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