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'द जंगल बुक' को यू/ए सर्टीफिकेट दिए जाने का पहलाज निहलानी ने किया बचाव

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी ने बच्चों के लिए बनी फिल्म 'द जंगल बुक' को यू/ए सर्टीफिकेट दिए जाने के फैसले का बचाव किया है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Fri, 08 Apr 2016 05:44 PM (IST)Updated: Fri, 08 Apr 2016 05:53 PM (IST)
'द जंगल बुक' को यू/ए सर्टीफिकेट दिए जाने का पहलाज निहलानी ने किया बचाव

मुंबई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी ने बच्चों के लिए बनी फिल्म 'द जंगल बुक' को यू/ए सर्टीफिकेट दिए जाने के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला उनका नहीं बल्कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से नियुक्त संस्था सीबीएफसी का है। यही ग्रेडिंग फिल्म को पूरी दुनिया में दी गई है।

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सीबीएफसी के अध्यक्ष और फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी ने शुक्रवार को कहा कि फिल्म जंगल बुक को यू/ए सर्टीफिकेट दिया जाना बुद्धिमानी भरा कदम है। उन्होंने बोर्ड सदस्य अशोक पंडित के इस आरोप का भी खंडन किया कि यह फैसला सीबीएफसी का नहीं बल्कि निहलानी का है। निहलानी ने कहा कि पंडित के बोर्ड का सदस्य होने के नाते उन्हें गोपनीय जानकारी सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए। खासकर जब वह सरासर झूठ हों। विशेषकर पहलाज निहलानी ने सीबीएफसी को फिल्म निर्माता मुकेश भट्टे के कचरा-पेटी बताने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी बनाई कुछ फिल्मों के बारे में लोगों की भी यही राय है।

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निहलानी ने कहा कि मुकेश भट्ट की इसी शुक्रवार को रिलीज हुए फिल्म लव गेम्स के बारे में क्या राय है। वह दूसरी फिल्मों के बारे में क्यों बात कर रहे हैं। वह जंगल बुक के लिए इतने परेशान क्यों हैं जबकि फिल्म के निर्माता सिद्धार्थ राय कपूर ने खुद कहा है कि उन्हें यू/ए सर्टीफिकेट से कोई परेशानी नहीं है।

निहलानी ने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि जंगल बुक को ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और फिलीपींस जैसे देशों में यही रेटिंग दी गई है। ब्रिटेन और अमेरिका में पीजी की रेटिंग (पैरेंटल गाइडेंस) है जिसका मतलब होता है अभिभावकों की निगरानी में बच्चे देखें। यह ग्रेडिंग यू/ए सर्टीफिकेट की ही तरह है। क्या मुकेश भट्ट अमेरिका और ब्रिटेन के सेंसर बोर्ड को भी कचरे में फेंकेंगे।


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