विधानसभा चुनाव 2017 : चुनाव लड़ रहे शिष्यों के लिए माघ मेले में संत करा रहे अनुष्ठान
व्यक्ति के जीवन में ग्रह नक्षत्र और मुहूर्त की बड़ी भूमिका है। शुभ मुहूर्त अवश्य फलदायी होता है।
शरद द्विवेदी, इलाहाबाद। तीर्थराज प्रयाग में संगम की रेती पर आस्था का माघ मेला पूरे रंगत में है। मंत्रोच्चार की गूंज, भजन, पूजन व प्रवचन का सिलसिला चल रहा है। मोक्ष की आस में देश-दुनिया से श्रद्धालु स्नान-दान करने पहुंच रहे हैं। इस बीच बजे विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने की कामना के साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्याशी भी पहुंचे हैं। उनके धर्मगुरु उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब व गोवा विधानसभा चुनाव में अलग-अलग क्षेत्रों से मैदान में उतरे अपने शिष्यों को विजयश्री दिलाने के लिए अनुष्ठान में लीन हैं। अनुष्ठान सिर्फ हिंदूू नहीं, बल्कि मुस्लिम नेताओं के नाम से भी चल रहा है।
त्रिवेणी मार्ग स्थित देवतीर्थ स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती को ही लें। इनके शिविर में पीतांबरा यज्ञ व बगला मुखी अनुष्ठान चल रहा है। वह उत्तर प्रदेश के रामपुर से चुनाव लड़ रहे एक मुस्लिम भक्त की जीत को अनुष्ठान करा रहे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के हरिद्वार, रुड़की, खानपुर, मंगलौर विधानसभा क्षेत्र से अलग-अलग दलों से चुनाव लड़ रहे अपने शिष्यों को जीत पक्की करने को मंत्रोच्चार के बीच यज्ञकुंड में आहुतियां डाल रहे हैं। कुछ ऐसा ही अनुष्ठान ज्योतिषाचार्य आचार्य विनोद ओझा भी करा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- चाय की प्याली में भविष्य की सरकार
मेला क्षेत्र स्थित शिविर में 24 घंटे मंत्रोच्चार की गूंज हो रही है। वह उत्तराखंड के रानीखेत, रुद्रप्रयाग, खानपुर, यूपी के सहारनपुर, धामपुर, चांदपुर, लखनऊ, पट्टी विलासपुर, पंजाब के लुधियाना, अमृतसर दक्षिण, मनसा एवं गोवा में अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे शिष्यों को जीत दिलाने के लिए 11 बटुकों के साथ शतचंडी यज्ञ में लीन हैं। इसी तरह खाकचौक में रामेश्वर महाराज राजराजेश्वरी यज्ञ के जरिए सवा करोड़ आहुतियां डालने का अनुष्ठान करा रहे हैं। योगी हर्ष अमेठी, सुल्तानपुर, मेजा, प्रतापगढ़ जिलों की कुछ सीटें के उम्मीदवार शिष्यों की जीत के लिए काली सड़क स्थित अपने शिविर में अनुष्ठान करा रहे हैं।
पार्सल से भेजा जाएगा प्रसाद
माघ मेला क्षेत्र में प्रत्याशियों के लिए निरंतर अनुष्ठान चलता रहेगा। सबका अनुष्ठान अलग-अलग समय पर हो रहा है। इसमें जिस उम्मीदवार का अनुष्ठान पूरा होता है उसे पार्सल के जरिए प्रसाद भेजा दिया जाता है।
यह भी पढ़ें- मुसीबतों का ‘तिराहा’ लापता हो गए उद्योग
देते हैं जरूरी निर्देश
अपने शिष्य की जीत के लिए गुरुजी सिर्फ अनुष्ठान ही नहीं करा रहे, बल्कि उन्हें किस दिन क्या पहनना है, कौन सा रंग उनके ऊपर ज्यादा प्रभावी होगा। खाली समय में मन में कौन से मंत्र का जाप करें, घर से किस समय प्रचार के लिए निकलें उसको लेकर विशेष निर्देश भी देते हैं।
दल का नहीं है बंधन
धर्मगुरु किसी दल विशेष के नेता के लिए अनुष्ठान नहीं करा रहे। अलग- अलग दलों में इनके शिष्य हैं, यह उनकी जीत दिलाने के लिए अनुष्ठान करा रहे हैं।
व्यक्ति के जीवन में ग्रह नक्षत्र और मुहूर्त की बड़ी भूमिका है। शुभ मुहूर्त अवश्य फलदायी होता है। हिंदूू के साथ मुस्लिम नेता भी मेरे शिष्य हैं। मेरे सुझावों का वह पूरा सम्मान करते हैं, जिससे मैं विधानसभा चुनाव में उनकी जीत की कामना के साथ प्रयाग में अनुष्ठान करा रहा हूं।
देवतीर्थ स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती
यूपी के साथ गोवा, हरिद्वार व पंजाब में मेरे कई शिष्य चुनाव लड़ रहे हैं। मैं उनकी विजय के लिए प्रयाग में अनुष्ठान करा रहा हूं। इससे उन्हें निश्चित सफलता मिलेगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
आचार्य विनोद ओझा।