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Lok Sabha Election 2019 भाजपा को कभी रास नहीं आया ऊना का उम्मीदवार

Lok Sabha Election 2019 भाजपा को कभी भी ऊना से उम्मीदवार रास नहीं आया। शायद यही वजह रही कि लंबे समय से जिले से कोई सांसद नहीं बन सका।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 12:13 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 12:13 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 भाजपा को कभी रास नहीं आया ऊना का उम्मीदवार

ऊना, वीरेन पराशर। Lok Sabha Election 2019  प्रदेश की राजनीति में दो कद्दावर नेताओं का बेशक बोलबाला हो लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में ऊना जिला अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है। लोकसभा चुनाव में जिले की भूमिका केवल दूसरे जिले के सांसदों को चुनने की रहती है।

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गत सात चुनाव की बात की जाए तो ऊना जिले से दो लोगों को ही चुनाव लड़ने का मौका मिला है। इन उम्मीदवारों में से केवल एक बार ही उम्मीदवार जीत दर्ज कर पाया। दो बार महज कांग्रेस ही ऐसा दल रहा जिसने ऊना जिले के प्रत्याशी पर भरोसा जताया। दूसरी ओर भाजपा को कभी भी जिले से उम्मीदवार रास नहीं आया। शायद यही वजह रही कि लंबे समय से जिले से कोई सांसद नहीं बन सका। मेजर बिक्रम सिंह और रंजीत सिंह ही ऐसे सांसद रहे, जो ऊना जिले से संबंध रखते थे।

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है। वर्तमान सांसद अनुराग ठाकुर लगातार तीन बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। उनके मुकाबलों में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी पर विजयी हासिल नहीं हुई। कांग्रेस ने उनके खिलाफ हर बार उम्मीदवार बदला पर परिणाम नहीं बदला। साल 2008 के उपचुनाव में अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल ठाकुर को पराजित किया। अगली बार यानी साल 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस ने ऊना के ओपी रतन को उम्मीदवार बनाकर जिले के नेता को मौका दिया। इस

चुनाव में भी कांग्रेस परिणाम में बदलाव नहीं ला सकी। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा ने फिर अनुराग ठाकुर को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने हमीरपुर से राजेंद्र राणा को उम्मीदवार बनाया। इस बार भी सीट

भाजपा की झोली में आई। 

बिलासपुर के सुरेश चंदेल ने साल 1998, 1999 और 2004 में भाजपा के उम्मीदवार तौर पर चुनाव लड़ा और जीते भी। उनके खिलाफ 1998 में ऊना से मेजर जनरल बिक्रम सिंह उम्मीदवार थे, बाकी चुनाव में बिलासपुर से रामलाल ठाकुर ने उनके विरुद्ध चुनाव लड़ा था। जबकि, मेजर जनरल बिक्रम सिंह कांग्रेस के ऐसे नेता रहे, जिन्होंने वर्ष 1996 के चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता प्रेम कुमार धूमल को शिकस्त दी थी। इसके बाद कांग्रेस को इस सीट से जीत नसीब नहीं हो सकी। इस बार के चुनाव में फिर भाजपा की तरफ से पुराने राजनीतिक संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि पार्टी के उम्मीदवार हमीरपुर से ताल्लुक रखने वाले अनुराग ठाकुर की दावेदारी प्रबल है। जबकि कांग्रेस अभी चुप्पी साधे हुए है और पार्टी नेता चुनाव लड़ने की तरफ इशारे करने से भी बच रहे हैं। देखना  होगा कि इतिहास अपने आपको दोहराता है या फिर ऊना जिले के मतदाताओं के हिस्से फिर वोट की औपचारिकता रह जाती है।


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