Rajasthan Lok Sabha Election Result 2019: मोदी लहर और राष्ट्रवाद पर सवार राजस्थान के मतदाता,कांग्रेस का सूपड़ा साफ
चुनाव में सीएम गहलोत को सबसे बड़ा झटका लगा है। सीएम का बेटा वैभव गहलोत चुनावी राजनीति के पहले सफर में ही भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से बुरी तरह से हार गया।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान के लोकसभा चुनाव परिणाम कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बड़ा झटका है। वहीं पांच माह पूर्व विधानसभा चुनाव हारने वाली भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव के नतीजे काफी उत्साहजनक रहे है ।
चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिला । राज्य की 25 में से 24 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत हुई। वहीं एक सीट पर एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल निर्वाचित हुए है। लगातार दूसरी बार लोकसभा की 25 सीटें जीतकर भाजपा ने प्रदेश में कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। सभी 25 सीटें कांग्रेस के हारने से एक परंपरा भी टूट गई,जिसमें यह माना जाता था कि राज्य में सत्तारूढ़ दल को लोकसभा चुनाव में बढ़ती मिलती है।
चुनाव में सीएम गहलोत को सबसे बड़ा झटका लगा है। सीएम का बेटा वैभव गहलोत चुनावी राजनीति के पहले सफर में ही भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से बुरी तरह से हार गया। वैभव गहलोत की उनके पिता अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा में 18 हजार 827 वोटों से हार हुई। प्रदेश की सत्ता संभालने के पांच माह बाद कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया होना गहलोत के लिए चिंता की बात है । बाड़मेर-जैसलमेर सीट से कांग्रेस के दिग्गज मानवेंद्र सिंह भाजपा के कैलाश चौधरी से और अलवर सीट से राहुल गांधी के खास भंवर जितेंद्र सिंह बाबा बालकनाथ से चुनाव हार गए । कांग्रेस इन दोनों सीटों पर जीत पक्की मानकर चल रही थी। झालावाड़ में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह पांचवी बार चुनाव जीते है। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद शर्मा को 4 लाख 53 हजार 743 वोटों से हराया।
कांग्रेस के काम नहीं आई किसान कर्ज माफी और न्याय योजना
प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवाद की लहर पर सवार मतदाताओं ने गहलोत सरकार की किसान कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ते जैसी योजनाओं को नकार दिया । मतदाताओं को राहुल गांधी की न्याय योजना भी नहीं लुभा सकी। मोदी के नाम और चेहरे के साथ ही पाकिस्तान में भारतीय सेना द्वारा की गई स्ट्राइक का भाजपा को सबसे बड़ा फायदा मिला । चुनाव अभियान प्रारंभ होते ही जिस तरह से प्रदेश के मतदाताओं ने राष्ट्रवाद की भावना नजर आ रही थी उसे कांग्रेस के दिग्गज समझ नहीं सके और वे पुरानी परंपरा के अनुसार ही अपनी चुनावी रणनीति बनाते रहे,जबकि भाजपा ने समय के अनुसार अपनी रणनीति में बदलाव किया। मतदाताओं ने मोदी के आगे राहुल गांधी,अशोक गहलोत और सचिन पायलट के जातिगत समीकरण साधने को लेकर किए गए प्रयासों को भी नकार दिया।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप