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UP Lok Sabha Election Result 2019 : उत्तर प्रदेश में 62 सीटों पर खिला कमल, 15 पर सिमटा गठबंधन

Lok Sabha Election Result 2019-Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 09:29 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 08:15 AM (IST)
UP Lok Sabha Election Result 2019 : उत्तर प्रदेश में 62 सीटों पर खिला कमल, 15 पर सिमटा गठबंधन
UP Lok Sabha Election Result 2019 : उत्तर प्रदेश में 62 सीटों पर खिला कमल, 15 पर सिमटा गठबंधन

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 यानी 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में उत्तर प्रदेश ने स्पष्ट जनादेश दिया है। प्रदेश की 80 सीटों में 62 पर कमल खिला है और दो सीटें सहयोगी अपना दल (एस) के खाते में गई हैं।

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उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन सिर्फ 15 सीटों पर सिमट गया। इसमें भी तीन सीटों पर उतरे राष्ट्रीय लोकदल का खाता भी नहीं खुल सका। जीरो से उठकर बसपा दस सीटों पर पहुंच गई, जबकि समाजवादी पार्टी पांच पर ही रह गई है।

रायबरेली में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की जीत से कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में प्रतिनिधित्व तो हो गया, लेकिन अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की हार ने भाजपा को उत्साह से लबरेज कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में अपनी पिछली जीत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जबकि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लखनऊ में अटल की विरासत को फिर अपने नाम किया है। इस बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा भी हार गये हैं। केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को भी चुनाव जीतने के लिए मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन बाकी सभी केंद्रीय मंत्री चुनाव जीत गये। मोदी सरकार में मंत्री और सहयोगी अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल न केवल मीरजापुर की अपनी सीट जीतने में कामयाब रहीं, बल्कि रॉबर्ट्सगंज में अपने उम्मीदवार को भी संसद पहुंचाने में सफल रहीं।

योगी सरकार के चार मंत्री चुनाव मैदान में थे जिनमें सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को अंबेडकरनगर में हार मिली है। नई बात यह है कि इस दफा चुनाव में छह मुस्लिम सांसद चुने गये हैं, जबकि 2014 में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को जीत नहीं मिली थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सहयोगियों समेत 73 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार नौ सीटें घट गई हैं। हालांकि, भाजपा इसे अपनी बढ़त मान रही है, क्योंकि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राह रोकने के लिए सपा-बसपा और रालोद ने मिलकर गठबंधन किया था। खास बात यह है कि अपने उद्भव से लेकर अब तक का भाजपा का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, क्योंकि भाजपा ने 50 फीसद से ज्यादा मत हासिल किया है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जुलाई 2018 में चुनावी अभियान शुरू करते हुए हर बूथ पर 50 फीसद से ज्यादा मत हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। मोदी की सुनामी में अमेठी में कांग्रेस का किला ढहा तो सपा के परिवारवाद में भी सेंध लग गई है। रालोद के लिए भी गठबंधन का सौदा नुकसानदेह साबित हुआ है। उत्तर प्रदेश में बसपा फायदे में रही है। 

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