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'कभी सोचा नहीं था... हम लोग सदमे में चले गए', सीएम पद की दावेदारी और सीता सोरेन के बीजेपी में जाने पर क्या बोलीं कल्पना सोरेन, पढ़िए पूरा इंटरव्यू

Kalpana Soren Exclusive Interview हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने झारखंड में गठबंधन और झामुमो का चुनावी अभियान संभाला हुआ है और आक्रमकता के साथ प्रचार में लगी हुई हैं। पेश है उनके साथ खास बातचीत जहां उन्होंने भविष्य में सीएम बनने की संभावनाओं से लेकर सीता सोरेन के भाजपा में जाने समेत तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी है।

By Pradeep singh Edited By: Sachin Pandey Published: Fri, 17 May 2024 09:25 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2024 09:25 AM (IST)
Lok Sabha Election 2024: कल्पना सोरेन महज तीन माह में गठबंधन की स्टार प्रचारक बन चुकीं हैं। (सांकेतिक तस्वीर)

प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड में भी इस साल व्यापक राजनीतिक उलटफेर हुआ। सत्तारूढ़ क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद एक शून्यता पैदा हुई। इसे काफी कम समय में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भरने की कोशिश की। घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर उन्होंने सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया तो एकबारगी एक नया चेहरा लोगों के समक्ष आया।

कल्पना सोरेन महज तीन माह में गठबंधन की स्टार प्रचारक बन चुकीं हैं तो इसकी वजह उनके प्रति लोगों का आकर्षण है। सभाओं में उनकी मांग सबसे ज्यादा है। झारखंड के बाहर भी चुनावी सभाओं में भाग लेने के लिए उनके पास ढ़ेरों आमंत्रण आ रहे हैं। व्यस्तताओं के बीच कल्पना सोरेन ने गिरिडीह के उत्सव उपवन में दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख प्रदीप सिंह से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत की।

प्रश्न - आपने विपरीत परिस्थितियों में राजनीति में कदम रखा है। आपके पति जेल में हैं। आप लगातार चुनाव प्रचार कर रही हैं। आपको यह सब कितना चुनौतीपूर्ण लग रहा है।

उत्तर - देखिए, मुझे लग रहा है कि अब जो बात हो रही है, वह मेरी परेशानी से ज्यादा यह है कि झारखंड के लोग परेशान हैं। मैं जब चुनावी सभाओं में जाती हूं तो लोग मुझसे सर (हेमंत सोरेन) के बारे में बातें करते हैं। उनकी योजनाओं की बातें करते हैं। यह मेरे लिए भावुक करने वाला क्षण होता है। मैं बहुत ज्यादा भावुक भी हो जाती हूं। जनसंपर्क में भी लोग अपना आवास दिखाते हैं, हरा राशन कार्ड दिखाते हैं। लोगों का स्नेह हेमंत जी को मिल रहा है। मुझे देखकर लग रहा है कि अपनी परेशानी को छोड़कर जनता के अपार स्नेह को स्वीकार करना है। हेमंत सोरेन और हमारी पार्टी के अध्यक्ष ने जो जिम्मेदारी मुझे दी है, उसे आगे बढ़ाना है। ज्यादा से ज्यादा प्रचार अभियान में भाग लेना है।

प्रश्न - आप जिन बातों का जिक्र कर रही हैं, उसका उल्लेख आप हेमंत सोरेन से मुलाकात के दौरान करती हैं तो उनकी किस प्रकार की प्रतिक्रिया होती है?

उत्तर - उनका बहुत ज्यादा साथ मिलता है। वे कहते हैं कि जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा जाना होगा। मैं तो जहां भी जाती हूं, लोगों का आक्रोश देखती हूं। अपने नेता को जेल में देखकर वे आक्रोशित हैं। जनता तो मन बना चुकी है। झारखंड में पहले चरण का चुनाव हुआ। चारों सीटें हमारे पास आ रही है। भाजपा अब तिलमिला रही है।

प्रश्न - लोकसभा चुनाव में किन मुद्दों पर आप लोगों के बीच हैं। आपको कैसे परिणाम की अपेक्षा है?

उत्तर - मैं कहती हूं कि ये चुनाव भाजपा बनाम जनता है। 2014 में जो वादे इन्होंने किए थे, वह वादे कहां गए? संकल्प इन्होंने तोड़ दिया। करोड़ों नौकरी, हर आदमी के खाते में 15 लाख कहां गए? वैसी तस्वीर कहां है? मणिपुर जला रहा है, कोई बात नहीं हो रही है मणिपुर पर। किसानों से भी कोई बात नहीं करते। जो मुद्दे की बात करेगा, उसे जेल में डाल देंगे। जवाब देने की बजाय ये मौन धारण किए हुए हैं।

प्रश्न - जिस प्रकार से राज्य में ईडी की कार्रवाई चल रही थी, वैसे में कभी हेमंत सोरेन ने आपसे उल्लेख किया कि क्या परिणाम हो सकता है? गिरफ्तारी की कोई आशंका पहले उन्होंने प्रकट की थी?

उत्तर - हम लोगों ने सोचा था कि ये परेशान कर सकते हैं। इलेक्शन के बीच में ईडी आफिस जाना होगा, जब उनके अधिकारी बुलाएंगे। मेहनत ज्यादा हो जाएगी। इतना तक तो सोचा था। जेल जाने का कभी नहीं सोचा था। ये घटना 31 जनवरी को जो हुई, उससे हमलोग सदमे में चले गए। चुनाव से पहले ऐसा हुआ। ये घटना तकलीफदेह है। वे (हेमंत सोरेन) झारखंड के लोगों के लिए काम कर रहे थे। उन्हें षड्यंत्र कर अंदर कर दिया।

प्रश्न - विपरीत परिस्थितियों में आपके परिवार की एक अहम सदस्य सीता सोरेन भाजपा में चलीं गईं। क्या आपको लगता है कि उनकी वापसी हो सकती है?

उत्तर - दीदी (सीता सोरेन) का निर्णय व्यक्तिगत था। उनके निर्णय का हम सम्मान करते हैं। छोटी बहन के नाते मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। यह विचारधार की लड़ाई है। चुनाव हम मुद्दे पर लड़ रहे हैं। संविधान को बचाना है।

प्रश्न - आप गांडेय से विधानसभा का उपचुनाव लड़ रही हैं। इससे आशंका प्रकट की जा रही है कि आप आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री पद की दावेदार हैं।

उत्तर - गांडेय में मैं चुनाव लड़ रही हूं। पार्टी ने मुझे यह जिम्मेदारी दी है। मैं झामुमो की सिपाही हूं। जो जिम्मेदारी मुझे दी जाएगी, मैं खुद को साबित करूंगी। जिम्मेदारी छोटी हो या बड़ी, उसे निभाना है। झामुमो संघर्ष कर रहा है। हमारे शीर्ष नेता जेल में हैं। हमारे नेता शिबू सोरेन स्वस्थ नहीं हैं। हम सबका फर्ज है कि संघर्ष करें।

प्रश्न- आपका दायरा पहले परिवार की देखभाल तक सिमटा हुआ था। व्यस्तता बढ़ने के बाद अब उन जिम्मेदारियों की ओर कितना ध्यान दे पाती हैं?

उत्तर - यह थोड़ा डिफिकल्ट (कठिन) है। समय निकालना तो मुश्किल हो जाता है। अभी गिरिडीह में हूं तो बच्चे साथ में हैं। उन्हें जनसंपर्क में लेकर जाती हूं। उनका योगदान रहता है तो मेरी ऊर्जा बनी रहती है। वक्त मिला है तो मैं छोटे सोरेन परिवार को गांडेय के लोगों से मिलाने लाई हूं। झारखंड ही हमारा परिवार है। इनसे मिलकर मजबूती का अहसास करती हूं।

प्रश्न - देश के अन्य राज्यों से भी आपको प्रचार अभियान के लिए आमंत्रण आ रहा है। वहां प्रचार के लिए जाएंगी?

उत्तर - अभी झारखंड में अधिक जिम्मेदारी है। लोग बुला रहे हैं। वे नहीं हैं तो मेरी जिम्मेदारी ज्यादा है। अभी झारखंड पर ही ज्यादा फोकस करना है।


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