सरकार ने शिक्षकों की चिंता करते हुए अब माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों को भी प्रशिक्षण अवधि में सवैतनिक अवकाश की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी है। बड़ी संख्या में इस वर्ग के शिक्षकों ने वर्ष 2015-17 के सत्र में प्रशिक्षण के लिए नामांकन कराया था। प्रारंभिक शिक्षकों को यह लाभ पूर्व से मिल रहा था। सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त में संशोधन कर यह व्यवस्था सुनिश्चित की। सरकार का यह प्रयास शिक्षा की गुणवत्ता के प्रति शिक्षकों की जिम्मेदारी का एहसास कराना भी है। शिक्षण कार्य में दक्षता तभी आएगी जब शिक्षक प्रशिक्षित होंगे। विगत कुछ वर्षों से काफी प्रयास के बाद भी शिक्षा के स्तर को अपेक्षित परिणाम तक नहीं पहुंचाया जा सका है। इसकी बड़ी वजह है संसाधनों की कमी और बड़ी संख्या में शिक्षकों का प्रशिक्षित न होना। जिस तरह पंचायत स्तरों पर शिक्षकों का नियोजन हुआ है, उसकी तस्वीर जांच के क्रम में स्पष्ट होती रही है। फर्जी प्रमाण पत्र और गलत सूचनाओं के आधार पर बड़ी संख्या में शिक्षकों का नियोजन हुआ। जाहिर है, चयनकर्ता ईमानदार नहीं थे। उन्हें इस बात की चिंता नहीं रही कि जिनका चयन किया जा रहा है वे देश के भविष्य को गढऩे के लिए जिम्मेदार हैं। भवनों के अभाव में एक ही विद्यालय में तीन-तीन स्तर के विद्यालयों का संचालन किया जाता रहा। विद्यालय तो उत्क्रमित कर दिए गए, लेकिन संसाधनों का टोटा रहा। कुल मिलाकर प्रारंभिक शिक्षा को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा। शिक्षकों की उपस्थिति की मानिटङ्क्षरग के लिए तंत्र तो विकसित किए गए, लेकिन जिम्मेदारी के स्तर पर उदासीनता बरती गई। विशेषकर इस मुद्दे पर स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधि ईमानदार होते तो नुकसान को कुछ कम किया जा सकता था। माध्यमिक और उच्च शिक्षा के लिए शिक्षकों की कमी भी चिंता का विषय है। हालांकि राज्य सरकार प्रयासरत है कि इन कमियों को दूर कर सुधार की गति तेज की जाए। शिक्षकों की चिंता करने के साथ-साथ सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। शर्तों के अनुसार शिक्षकों को प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए कम से कम पांच साल तक राज्य सरकार की सेवा करनी होगी। यदि वे बीच में नौकरी छोड़ देते हैं तो उनके सवैतनिक अवकाश के दौरान दी गई राशि की वसूली की जाएगी। जाहिर है, जहां सरकार समय और पूंजी लगाएगी वहां से कुछ प्राप्ति की उम्मीद तो करेगी ही। शिक्षा में सुधार के लिए जिस प्रकार सरकार शिक्षकों की चिंता कर रही है, शिक्षकों को भी उसी मनोयोग से काम करने की जरूरत है।
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हाईलाइटर
राज्य सरकार ने अब माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों को भी प्रशिक्षण अवधि में सवैतनिक अवकाश का लाभ दे दिया है। शिक्षा में सुधार के लिए जिस प्रकार सरकार प्रयासरत है, शिक्षकों को भी राज्यहित में उसी मनोयोग से कदम बढ़ाना चाहिए।