पश्चिम बंगाल की आर्थिक स्थिति बदतर है। लाख कोशिशों के बावजूद ऋण का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। औद्योगिकीकरण की गाड़ी पटरी पर नहीं लौट रही है। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद से ममता लगातार कोशिश कर रही हैं कि बंगाल में निवेश बढ़े। इसके लिए उन्होंने भूटान, सिंगापुर, लंदन से लेकर जर्मनी तक का दौरा भी किया। राज्य में ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन भी आयोजित किया। परंतु, स्थिति नहीं बदल रही है। जिस उम्मीद के साथ उद्योगपतियों का सम्मेलन आयोजित किया गया वह पूरा नहीं हो सका है। उद्योगपतियों के सम्मेलन में निवेश प्रस्ताव तो आए लेकिन उस हिसाब से नहीं, जिसकी उम्मीद की जा रही थी। अब ममता चीन के दौरे पर जा रही हैं। आगामी जून के प्रथम सप्ताह में सुश्री बनर्जी चीन की राजधानी बीजिंग जाएंगी। यहां से वह अपने प्रतिनिधिमंडल में कुछ उद्योगपतियों को भी ले जाएंगी, जो चीन के निवेशकों को बंगाल में निवेश के लिए जो उपयुक्त माहौल है उसके बारे में बताएंगे। यही नहीं ममता बीजिंग में उद्योगपतियों का सम्मेलन भी आयोजित करने की योजना बना रही हैं, ताकि वहां के उद्योगपतियों को बंगाल के बारे में पूरी जानकारी दी जा सके। परंतु, एक बड़ा सवाल यह है कि आखिर बंगाल की ओर निवेशक क्यों नहीं अपना रूख कर रहे हैं? मुख्यमंत्री से लेकर राज्य के मंत्री यह कहते आ रहे हैं कि बंगाल में निवेश करने वालों को हर तरह की मदद व सुविधा दी जाएगी। सरकार ने उद्योग लगाने के लिए आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी शुरू किया है। जमीन की कोई समस्या नहीं होने की भी बार-बार घोषणा की जा रही है। बावजूद इसके निवेशक बंगाल की ओर आकर्षित नहीं हो रहे हैं। बंगाल सरकार को सबसे पहले इस ओर ध्यान देना होगा कि सब कुछ होने बावजूद बड़े उद्योगपति राज्य में निवेश को इच्छुक क्यों नहीं हो रहे हैं? निवेशकों का मन टटोलने और उनके मन में बंगाल के प्रति बैठी किसी तरह की गलतफहमी को दूर करना होगा। इसके बाद ही स्थिति बदलेगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो निवेश की तलाश में विभिन्न देशों के दौरे का परिणाम वैसा नहीं होगा जैसा कि उम्मीद की जाएगी। सरकार बार-बार कहती रही है कि वह किसी भी उद्योग के लिए किसानों से जबरन जमीन नहीं लेगी। उद्योगपतियों को खुद से जमीन लेना होगा या फिर सरकार के पास जो लैंड बैंक है उससे जमीन दी जा सकती है। इस पर भी विचार करने की जरूरत है।
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(हाईलाइटर:: सरकार ने उद्योग लगाने के लिए आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी शुरू किया है। जमीन की कोई समस्या नहीं होने की भी बार-बार घोषणा की जा रही है। बावजूद इसके निवेशक बंगाल की ओर आकर्षित नहीं हो रहे हैं।)

[ स्थानीय संपादकीय : पश्चिम बंगाल ]