राजधानी में जिस तरह एक महिला ने सोमवार को साहस दिखाते हुए भरे बाजार चेन लुटेरे को पकड़ा वह वाकई काबिले तारीफ है। आमतौर पर नारी को अबला समझने वाले समाज के सामने यह एक उदाहरण है। नारी ने फिर सिद्ध किया कि वह हर काम कर सकती है, बल्कि बेहतर कर सकती है, जो पुरुष करते हैं। युवा पीढ़ी को इस घटना से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस घटना में साहस दिखाने वाली महिला पुलिसकर्मी है, लेकिन उदाहरण और भी हैं। अभी एक पखवारा पहले राजधानी में ही एक महिला ने चेन लूटने का प्रयास करने वाले एक युवक को न सिर्फ मौके पर पकड़ लिया, बल्कि उसकी पिटाई करते हुए थाने ले गई और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। ऐसी घटनाएंअन्य जिलों में भी हो चुकी हैं, जब किसी महिला के साहस के कारण बड़े अपराधी पुलिस केचंगुल में आए। जरूरत इन घटनाओं से हमें सबक सीखने की है। यदि समाज में कुछ भी बुरा हो रहा है तो हम उसका प्रतिकार जरूर करें। खासतौर पर महिलाएं। आजकल महिला उत्पीडऩ और बलात्कार जैसी वारदात बढ़ती जा रही हैं। ऐसे मामलों में यदि महिलाएं सख्ती से पेश आएंगी तो उनके साथ बड़ी संख्या में लोग भी खड़े होंगे और दुस्साहस करने वालों का हौसला भी टूटेगा।

भारतीय संस्कृति में नारी को शक्ति का रूप माना गया है। वह सदा से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाती रही है। स्कूली शिक्षा हो या प्रतियोगी परीक्षाएं अथवा अंतरिक्ष की उड़ान, महिलाओं ने हर जगह अपनी प्रतिभा दिखाई है। राजनीति में भी महिलाओं ने दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाई है लेकिन सामाजिक अपराधों के खिलाफ महिलाओं ने उतना जीवट अभी नहीं दिखाया है। यही कारण है कि महिलाओं के खिलाफ सामाजिक अपराध बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि यह सुखद तथ्य है कि पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जब नारी ने अपना सबला रूप दिखाया। कभी कोई लड़की ससुराल में शौचालय न होने के विरुद्ध खड़ी हुई और कभी कोई अन्य महिला अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए घरवालों से भिड़ गई। ऐसे उदाहरण घुप अंधेरे में प्रकाश की तरह चमकते हैं और समूचे समाज को आगे की राह दिखाते हैं। जरूरत इस बात की है कि ऐसे मामलों को मीडिया व स्वयंसेवी संगठन अधिक उठायें और सरकार भी ऐसी ध्वजाधारियों को प्रोत्साहित करे।

[स्थानीय संपादकीय: उत्तर प्रदेश]