Move to Jagran APP

अब उद्योगपतियों के बाबत

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के बावजूद सीबीआइ और और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिटफंड घोटाला सा

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 05:48 AM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 05:48 AM (IST)
अब उद्योगपतियों के बाबत

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के बावजूद सीबीआइ और और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चिटफंड घोटाला सारधा कांड में तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं से पूछताछ की और कुछ को गिरफ्तार किया। उनकी आपत्ति की परवाह किए बिना सीबीआइ और ईडी ने जांच कार्य को आगे बढ़ाया। कुछ उद्योगपतियों से भी पूछताछ की तथा जिन्हें दोषी पाया, उन्हें गिरफ्तार किया। जांच कार्य चलने के दौरान तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने सीबीआइ का जोरदार विरोध किया। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने सीबीआइ पर केंद्र के निर्देश पर राजनीतिक उद्देश्य से काम करने का आरोप भी लगाया। इससे भी कुछ फायदा नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतिम क्षण में अब उद्योगपति कार्ड खेला है। सुश्री बनर्जी ने कहा है कि उद्योगपतियों को बेवजह पूछताछ कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। कुछ के गिरफ्तार होने से राज्य के अधिकांश उद्योगपति भयभीत हैं। सुश्री बनर्जी ने महानगर के एक मंडप में काली पूजा के उद्घाटन के मौके पर यह बातें कही। इसलिए ममता का यह बयान मायने रखता है।

loksabha election banner

महानगर में अक्सर व्यापार मंडलों द्वारा कार्यक्रम में आयोजित किए जाते हैं। सुश्री बनर्जी ने तीन दिन पहले विजया सम्मेलन का आयोजन किया था जिसमें विशिष्ट उद्योगपति शामिल हुए। ममता ने उस दिन इस तरह की कोई बात नहीं कही। लेकिन दो-तीन दिनों के बाद कालीपूजा के उद्घाटन के मौके पर इस तरह की बातें कह डाली। इसे इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि जिस मुख्यमंत्री ने इस तरह का बयान दिया उसके दूसरे दिन बुधवार को ही सीबीआइ ने प्रथम चार्जशीट अदालत में पेश कर दी। ममता का उद्योगपति कार्ड भी कारगर नहीं हो सका।

ममता का उद्योगपति कार्ड व्यर्थ होने की वजह है। उद्योगपतियों में हर्ष नेवटिया और सज्जन अग्रवाल से पूछताछ हुई है। संधिर अग्रवाल नामक एक उद्योगपति को गिरफ्तार किया गया है। गौर करने वाली बात यह है कि उन्हीं उद्योगपतियों से ईडी और सीबीआइ ने पूछताछ की जिनका सारधा कांड में नाम आया। उन्हीं को गिरफ्तार किया गया जिन पर गंभीर आरोप लगा था। इसके अतिरिक्त राज्य में अधिकांश उद्योगपतियों को भयभीत होने का कोई कारण समझ में नहीं आता। जहां तक बात है उद्योगपतियों की छवि धूमिल होने की बात है तो ऐसा भी नहीं है कि दो-चार उद्योगपतियों से पूछताछ होने से सभी कलंकित हो गए। कलंकित होने में चिटफंड कंपनियां शामिल हैं। सारधा समूह का साम्राज्य मीडिया से लेकर रियल स्टेट, टूर एंड टैवेल्स, चिटफंड और अन्य कई क्षेत्रों में फैला था। सारधा समूह के अतिरिक्त राज्य में इस तरह की कई चिटफंड कंपनियां सक्रिय थीं। अन्य चिटफंड कंपनियों के मालिक भी गिरफ्तार हुए लेकिन राज्य में विनिर्माण या सेवा क्षेत्र की कोई भी बड़ी कंपनी प्रभावित नहीं हुई। इनके मालिकों पर भी किसी तरह की अंगुली नहीं उठी। गलत व अवैध काम करनेवाले जांच के दायरे में आएंगे ही, चाहे वे नेता हो या उद्योगपति।

[स्थानीय संपादकीय: पश्चिम बंगाल]


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.