कीमोथेरेपी के लिए अब अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं
कैंसर पीड़ितों को कीमोथेरेपी के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है,बल्कि मरीज अस्पताल में कीमो लेने के बाद घर जा सकते हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। कैंसर पीड़ितों को कीमोथेरेपी के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है,बल्कि मरीज अस्पताल में कीमो लेने के बाद घर जा सकते हैं। लाजपत नगर स्थित मैक्स अस्पताल में डे-केयर की सुविधा शुरू की गई है। अस्पताल का दावा है कि इस तरह की सुविधा पहली बार शुरू की गई है।
मैक्स कैंसर केयर संस्थान-डे केयर के निदेशक डॉ. पीके जुलका ने कहा कि कैंसर के इलाज में जीन थेरेपी और इम्यून थेरेपी में काफी प्रगति हुई है। अब ऐसी दवाएं आ रही हैं जिनका शरीर पर दुष्प्रभाव नहीं होता। ये दवाएं सीधे कैंसर की कोशिकाओं पर अटैक करती हैं, इसलिए कीमो के लिए मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं है।
ऐसे में डे-केयर का महत्व बढ़ गया है। एक मरीज को कीमो देने में तीन से छह घंटा समय लगता है। उन्होंने कहा कि कीमो लगने के बाद मरीज वापस घर जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कैंसर के इलाज में मनोचिकित्सा का इस्तेमाल बढ़ रहा है, इसलिए डे-केयर में मरीजों को घर जैसी अनुभूति होगी।
उन्हें यह नहीं लगेगा कि वे अस्पताल में हैं। कीमो रूम में टीबी, संगीत आदि की व्यवस्था की गई है। संगीत तनाव को कम करता है। अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रजीत मेहता ने कैंसर के इलाज में इसे बड़ी पहल बताया। डे-केयर में कीमों के अलावा डॉक्टरों से परामर्श लेने की भी सुविधा होगी।
दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर इस तरह के डे-केयर सेंटर शुरू किए जाएंगे। हालांकि, एम्स में कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए पहले से डे-केयर की सुविधा हैं। यहां पर प्रतिदिन 150 से 200 मरीजों को कीमो लगता है, लेकिन इसमें डॉक्टरों से परामर्श लेने की सुविधा नहीं है।