AAP नेता बोले-'सैनिक ने की खुदकुशी, सब चुप रहना वरना देशद्रोही कहलाओगे'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सैनिक की खुदकुशी पर ट्वीट किया है- 'मोदी राज में किसान और जवान दोनों आत्महत्या कर रहे हैं।'
नई दिल्ली (जेएनएन)। वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मांग को लेकर काफी समय से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे पूर्व सैन्य कर्मी ने खुदकुशी कर ली। जान देने वाले शख्स का नाम राम किशन है। वह कई महीने से वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर धरना दे रहा था। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्व सैनिक की खुदकुशी पर ट्वीट किया है- 'मोदी राज में किसान और जवान दोनों आत्महत्या कर रहे हैं।'
मोदी राज में किसान और जवान दोनों आत्महत्या कर रहे हैं। https://t.co/9f5zJDxlZg
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 2, 2016
आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पूर्व सैनिक की खुदकुशी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागू कर दिया है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि अगर OROP लागू होती तो राम किशन को खुदकुशी नहीं करनी पड़ती।
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वहीं, AAP नेता कुमार विश्वास ने भी पूर्व सैनिक की खुदकुशी मामले में मोदी सरकार पर हमला बोला है। ट्वीट कर उन्होंने कहा कि 'जंतर मंतर पर देश के सैनिक ने सेना के पराक्रम को छाती पर सजाने वालों के नाम ख़त लिखकर आत्महत्या कर ली है,सब चुप रहना वरना देशद्रोही कहलाओगे'
जंतरमंतर पर देश के सैनिक ने सेना के पराक्रम को छाती पर सजाने वालों के नाम ख़त लिखकर आत्महत्या कर ली है,सब चुप रहना वरना देशद्रोही कहलाओगे😷
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 2, 2016
बताया जा रहा है कि राम किशन ने कल रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के आवास के सामने जहर खा लिया था। उसे गंभीर हालत में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि अब पूरे मामले में रक्षा मंत्री ने रिपोर्ट मंगवाई है।
वहीं परिजनों के मुताबिक, जो ज्ञापन उनके पिता अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री को देने जा रहे थे उसी पर उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया।
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जान गंवाने वाले राम किशन के बेटे का कहना है कि पिता से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने बताया था कि OROP के मुद्दे पर सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। राम किशन ने सुसाइड से पहले सरकार पर OROP मुद्दे पर मांग पूरी नहीं करने का भी आरोप लगाया था।
रामकिशन की खुदकुशी की जानकारी लगने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री परिजनों से मुलाकात करेंगे। बता दें कि रामकिशन मूलरूप से हरियाणा का रहने वाला था।
रामकिशन ने मरने से पहले एक नोट भी लिखा, जिसमे उन्होंने लिखा :-
मैं मेरे देश के लिए, मेरी मातृभूमि के लिए और मेरे देश के वीर जवानों के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने जा रहा हूं।
इस मामले में डीसीपी नई दिल्ली जतिन नरवाल का कहना है कि रामकिशन ने ज़हर खाया था। रामकिशन के पास जो मांग का नोट मिला है, उसका सत्यापन कराया जा रहा है।
यह है मामला
गौरतलब है कि 2006 से पहले रिटायर हुए सैन्य कर्मियों को कम पेंशन प्राप्त हो रही थी, यहां तक अपने से कम रैंक वाले अफसर से भी कम है। यह अंतर इतना अधिक हो गया था कि पहले से रिटायर अफसरों की पेंशन बाद में रिटायर हुए 'वन रैंक वन पेंशन' मतलब अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो फौजियों को समान पेंशन देना। फिलहाल रिटायर होने वाले लोगों को उनके रिटायरमेंट के समय के नियमों के हिसाब से पेंशन मिलती है। यानी जो लोग 25 साल पहले रिटायर हुए हैं उन्हें उस समय के हिसाब से पेंशन मिल रही है जो बहुत कम होती है।
देश में 25 लाख से ज्यादा रिटायर्ड सैन्यकर्मी हैं। उदाहरण के लिए योजना इस तरह बनाई गई है कि जो अफसर कम से कम 7 साल कर्नल की रैंक पर रहे हों उन्हें समान रूप से पेंशन मिलेगी। ऐसे अफसरों की पेंशन 10 साल तक कर्नल रहे अफसरों से कम नहीं होगी, बल्कि उनके बराबर ही होगी।