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पिता ने लगाई गुहार, प्रधानाचार्य जी मेरी बेटी को दोबारा LKG में पढ़ने दो

पिता का तर्क है कि 27वें सप्ताह में ही उसकी बेटी का जन्म हुआ था। शिक्षकों ने भी माना है कि अपनी कक्षा में ही वह अन्य बच्चों से पीछे है। ऐसे में उसे एलकेजी में दोबारा पढऩे की अनुमति दी जाए।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 04:48 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 08:37 PM (IST)
पिता ने लगाई गुहार, प्रधानाचार्य जी मेरी बेटी को दोबारा LKG में पढ़ने दो

नई दिल्ली [अमित कसाना]। अभी तक आपने सुना होगा कि माता-पिता अपने बच्चे के पास होने की मन्नत मांगते हैं। लेकिन राजधानी में एक पिता ऐसे भी हैं जो अपनी बेटी को एक क्लास में दोबारा पढ़ाना चाहते हैं। लेकिन स्कूल प्रशासन इससे इन्कार कर रहा है। जब आपसी बातचीत व शिक्षा निदेशालय कार्यालय के चक्कर लगाकर भी समस्या का समाधान नहीं मिला तो परेशान पिता ने इस मुद्दे पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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27 हफ्ते की पैदा हुई थी बच्ची

याची पिता का तर्क है कि 27वें सप्ताह में ही उसकी बेटी का जन्म हुआ था। पैदाइश के समय उसका वजन मात्र 850 ग्राम था। इसके चलते उसका शारीरिक विकास पूरी तरह से नहीं हुआ है। उसे बोलने में दिक्कत होती है। वह अपनी उम्र के अन्य बच्चों से काफी धीरे है। उसके शिक्षकों ने भी माना है कि अपनी कक्षा में ही वह अन्य बच्चों से पीछे है। ऐसे में उसे एलकेजी में दोबारा पढ़ने की अनुमति दी जाए।

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यह है मामला

याची के अनुसार 2016 में उन्होंने बेटी का दाखिला अशोक नगर स्थित मोंटफोर्ट स्कूल में एलकेजी में करवाया था। दाखिले के समय वह तीन वर्ष की थी। इस वर्ष उसे यूकेजी में प्रमोट किया जा रहा है। लेकिन वह चाहते हैं कि वह एलकेजी दोबारा करे। क्योंकि वह पढ़ाई में काफी कमजोर है। याची का दावा है कि उन्होंने इस बारे में स्कूल प्राधानाचार्य व शिक्षा निदेशालय में गुहार लगाई। लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।

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