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Delhi Pollution: सबसे गर्म ही नहीं, सबसे प्रदूषित दिन भी रहा 7 मई, 82 दिन बाद दमघोंटू हुई दिल्ली की हवा

मंगलवार का दिन सीजन का सबसे गर्म ही नहीं प्रदूषित भी रहा। 82 दिन बाद दिल्ली का एक्यूआई 300 का आंकड़ा पार कर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया। दो इलाकों शादीपुर और आनंद विहार में तो यह 400 का आंकड़ा पार कर गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। विशेषज्ञों ने इसके लिए हवा में धूल कणों का बढ़ना प्रमुख कारण बताया है।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Published: Tue, 07 May 2024 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2024 11:31 PM (IST)
सबसे गर्म ही नहीं, सबसे प्रदूषित दिन भी रहा 7 मई

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगलवार का दिन सीजन का सबसे गर्म ही नहीं, प्रदूषित भी रहा। 82 दिन बाद दिल्ली का एक्यूआई 300 का आंकड़ा पार कर ''बहुत खराब'' श्रेणी में पहुंच गया। दो इलाकों शादीपुर और आनंद विहार में तो यह 400 का आंकड़ा पार कर ''गंभीर'' श्रेणी में दर्ज किया गया। विशेषज्ञों ने इसके लिए हवा में धूल कणों का बढ़ना प्रमुख कारण बताया है।

दिल्ली का अधिकतम पहली बार पारा मंगलवार को 42 डिग्री पहुंच गया। वहीं, तीन इलाके ऐसे रहे जहां का अधिकतम तापमान 43 डिग्री से भी ज्यादा दर्ज किया गया

कितना दर्ज हुआ एक्यूआई

सीपीसीबी द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली का एक्यूआई 302 दर्ज किया गया। इससे पहले यह 14 फरवरी को 341 रहा था। यानी 82 दिनों के बाद एक बार फिर दिल्ली की हवा ''बहुत खराब'' श्रेणी में पहुंच गई।

आमतौर पर गर्मियों के दिनों में वायु गुणवत्ता इतनी खराब होती नहीं है, लेकिन वर्षा नहीं होने एवं हवा के साथ सूखी मिट्टी और धूल उड़ने के कारण एक्यूआई बढ़ रहा है।

आपात बैठक बुलाई

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अनुसार, अत्यधिक प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण मंगलवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता चिंताजनक रूप से गिरकर ''बहुत खराब'' श्रेणी में आ गई। वायु प्रदूषण कम करने की रणनीति बनाने और उसे लागू करने के लिए ही एक आपात बैठक बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

ये परिस्थितियां हैं जिम्मेदार

इस बैठक में मौसम विभाग और आईआइटीएम पुणे के प्रतिनिधियों ने हवा की गुणवत्ता में गिरावट के लिए "अत्यधिक प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों" को जिम्मेदार ठहराया। कहा गया कि बरसात न होने, पूर्ण रूप से शुष्क परिस्थितियों, हवा की दिशा और गति में तेजी से बदलाव के कारण पार्टिकुलेट मैटर बढ़ गया है। इसके लिए किसी विशिष्ट स्थानीय क्षेत्र को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

लिहाजा, सीएक्यूएम ने सभी संबंधित एजेंसियों से निर्माण और विध्वंस गतिविधियों, सड़कों और खुले क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई तेज करने को कहा है।

इन इलाकों की हवा रही सबसे खराब

शादीपुर - 404

आनंद विहार - 422


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